Chinese Drones: चीनी और रूसी कंपनियां यूक्रेन में तैनात ईरानी मॉडल की तरह एक हमलावर ड्रोन डेवलप कर रही हैं. यह इस बात का संकेत है कि बीजिंग मॉस्को को उस तरह की खतरनाक मदद प्रदान कर सकता है, जिसके बारे में पश्चिमी अधिकारियों ने चेतावनी दी है.


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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से परिचित से यूरोपीयन अधिकारियों ने बताया कि कंपनियों ने 2023 में ईरान के शाहेद ड्रोन की नकल करने के लिए सहयोग करने के बारे में बातचीत की. इस साल रूस को शिपमेंट की तैयारी के दौरान एक वर्जन को डेवलप किया गया और उसकी टेस्टिंग की गई. उन्होंने कहा कि चीनी ड्रोन का अभी तक यूक्रेन में इस्तेमाल नहीं किया गया है.


यह खुलासा बताता है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की चेतावनियों के बावजूद रूस के प्रति बीजिंग के समर्थन में कोई कमी नहीं आई है.


चीन की खुद को तटस्थ दिखाने की कोशिश
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन युद्ध में चीन को तटस्थ के रूप में पेश करने की कोशिश की है. हालांकि पश्चिमी अधिकारियों का कहना है कि उसने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के लिए कंपोनेंट और दूसरी मदद प्रदान की है.


वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि चीन सीधे रूस को हथियार और तोपें उपलब्ध कराने से बच रहा है. क्योंकि अगर वह ऐसा करता है तो उसे भारी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.


मामले से परिचित एक व्यक्ति ने कहा कि अमेरिका का आकलन है कि चीन इस बात पर विचार कर रहा है कि पूरी तरह से निर्मित मानव रहित हवाई वाहन भेजे जाएं या नहीं,  लेकिन इस बीच वह ऐसे किट भेज रहा है जिन्हें हमलावर ड्रोन में बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है कि चीन रूस को घातक सहायता भेज रहा है, जबकि अन्य देशों की अलग व्याख्या हो सकती है.


चीन की प्रतिक्रिया
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में चीन के दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने एक बयान में कहा कि चीन यूक्रेन संघर्ष के पक्षों को हथियार मुहैया नहीं करा रहा है और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर सख्ती से कंट्रोल कर रहा है.


लियू ने कहा, 'यूक्रेन संकट पर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौन बातचीत और शांति के लिए प्रयास कर रहा है और कौन लड़ाई और टकराव को बढ़ावा दे रहा है. हम संबंधित देशों से अपील करते हैं कि वे लड़ाई को बढ़ावा देने और टकराव को भड़काना तुरंत बंद करें.'


रूस ने युद्ध में किया हजारों ड्रोन का इस्तेमाल
रूस ने यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही हजारों शाहेद ड्रोन का इस्तेमाल किया है. यहां तक कि ईरान द्वारा विकसित तकनीक का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए एक कारखाना भी बनाया है. हालांकि रूस अभी भी सप्लाई के लिए उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों पर जबकि महत्वपूर्ण पार्ट्स, कंपोनेंट्स के लिए चीन पर निर्भर है.


अधिकारियों ने कहा कि एक चिंता यह है कि चीन ईरान या रूस की तुलना में कहीं अधिक पैमाने पर शाहेद जैसा ड्रोन बना सकता है.


चीनी रक्षा वेबसाइटों और कई मीडिया आउटलेट्स ने बताया है कि देश सनफ्लावर 200 नामक एक कामिकेज़ अटैक ड्रोन विकसित कर रहा है, जिसे ईरानी शाहेद 136 ड्रोन के समान बताया गया है.


ब्लूमबर्ग के मुताबिक उसकी अप्रैल के एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन रूस को सैन्य उद्देश्यों के लिए सैटेलाइट इमेजरी, टैंकों के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और मशीन टूल्स, साथ ही हथियारों में इस्तेमाल होने वाली या उन्हें बनाने के लिए ज़रूरी तकनीकें मुहैया करा रहा है.


अमेरिकी की प्रतिक्रिया
नाटो में अमेरिकी राजदूत जूलियन स्मिथ ने मंगलवार को ब्लूमबर्ग टेलीविजन से कहा, 'चीन हर संभव कोशिश करता है, हर कोशिश करता है कि वह यह तर्क दे सके कि यूक्रेन में इस युद्ध बीजिंग एक एक तटस्थ खिलाड़ी है, लेकिन वास्तव में चीन दोहरे उपयोग वाले कंपोनेंट्स, मशीन टूल्स और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कई चीजें उपबलब्ध करा रहा है, जो रूस को यूक्रेन में इस आक्रामक युद्ध को आगे बढ़ाने में मदद कर रही हैं.'


स्मिथ ने कहा, 'नाटो के अंदर, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस तथ्य को उजागर कर सकें कि चीन अब एक तटस्थ खिलाड़ी नहीं है ताकि चीन को इस अकारण आक्रामक युद्ध में रूस का साथ देने के जोखिम के बारे में चेतावनी दे सकें.'


रिपोर्ट के मुताबिक मई में ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शैप्स ने वाशिंगटन के साथ तब विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने कहा था कि चीन रूस को घातक सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि आज तक अमेरिका ने चीन को सीधे रूस को हथियार प्रदान करते नहीं देखा है.


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने जी-7 शिखर सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति शी ने उन्हें वचन दिया है कि वे रूस को हथियार प्रदान नहीं करेंगे.


(File photo courtesy: Reuters)