China Education System: चीन साल 2035 तक टीचिंग को अपने मुल्क में सबसे इज्जतदार और पसंदीदा नौकरी बनाना चाहता है. चीन ने इसी हफ्ते की शुरुआत में गाइडलाइंस भी जारी की हैं. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी, स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट की तरफ से इस हफ्ते की शुरुआत में दिशानिर्देश जारी किए गए थे, जो टीचर्स के अधिकारों की रक्षा करने और छात्रों को अनुशासित रखने के उनके प्रयासों पर केंद्रित थे. 


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इस गाइडलाइंस में अपने काम में लापरवाही बरतने और उल्लंघन करने वाले टीचर्स के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. इसके अलावा अनुशासन को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ अपराधियों के लिए कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 18.9 मिलियन टीचर्स हैं, जिसे चीन दुनिया का सबसे बड़ा टीचिंग सिस्टम बताता है. 


चीन के एजुकेशन सिस्टम की होती है आलोचना


अनुशासन के नाम पर क्लास के बाद रोकना और कक्षा के दौरान छात्रों को खड़े रखने को लेकर अकसर चीन के एजुकेशन सिस्टम की आलोचना होती रहती है. मध्य चीन के हुबेई प्रांत के जूनियर स्कूल में पढ़ाने वाली किंडी वांग ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा, टीचर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर कुछ हुआ तो उनको गलत तरीके से दर्शाया जाएगा. 


उन्होंने कहा, 'यह तय करना बेहद मुश्किल होगा कि कितनी सजा देनी है. अगर सजा हल्की हुई तो किसी काम की नहीं है. अगर सजा सख्त हुई तो छात्रों को शारीरिक या मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है.'


टीचर्स  में पसरा है खौफ


बीजिंग स्थित 21 सेंचुरी एजुकेशन रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक शियोन बिंगकी ने बीजिंग न्यूज़ में पब्लिश एक लेख में लिखा, 'इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि टीचर्स के पास छात्र को अनुशासित करने के लिए अच्छे कारण थे या नहीं, जब तक अन्य लोग उनके बारे में शिकायत करते रहेंगे, तब तक समस्या बनी रहेगी.'


शियोन बिंगकी ने कहा, इस कदम के तहत, अगर स्टूडेंट्स नियम तोड़ेंगे तो टीचर्स आंख मूंदकर बैठे रहेंगे.' वांग ने कहा, 'अक्सर हमारे सीनियर अधिकारी ओपन क्लासेज और इंस्पेक्शन के लिए स्कूल आते हैं, इसलिए हमें बहुत सारे दस्तावेज तैयार करने पड़ते हैं, जिससे हमारा पढ़ाने और ग्रेडिंग में भी समय लगता है.'



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