जंग के लिए तैयार और मजबूत रहो... शी जिनपिंग का क्या है खतरनाक प्लान? चीन अब किसपर करेगा हमला?
Xi Jinping calls on China army: जिस तरह चीन कई दिनों से धमकी दे रहा है उससे कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. शी का अगला टारगेट क्या है अब इसपर सभी की नजर है. तभी तो शी ने अपने सैनिकों से कहा है कि जंग के लिए तैयार रहें.
पूरी दुनिया में चीन की चालबाजी और विस्तारवाद की नीति फेमस है. दूसरे देशों की जमीन कब्जा करने के ड्रैगन के इरादे की वजह से लगभग हर पड़ोसी देश के साथ उसका संबंध तवानपूर्ण बना रहता है. भूटान, ताइवान, भारत, बांग्लादेश, नेपाल उसका सबसे जमीन को लेकर जंग है. भारत समेत कई मुल्क चीन से परेशान हैं तभी तो भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने सितंबर के महीने में बिना चीन का नाम लिए उसके विस्तारवादी नीति पर निशाना साधा था.
जंग के लिए रहो तैयार
चीन का इन दिनों ताइवान से रिश्ते बहुत ही खराब हैं. चीन आए दिन अपने सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने को कहता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने गुरुवार को फिर वही बात दोहराई है. शी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स की रॉकेट फोर्स ब्रिगेड का जायजा लेने के बाद अपनी सेना से ये खास अपील की है. शी ने कहा ‘युद्ध के लिए प्रशिक्षण और तैयारी को व्यापक रूप से मजबूत करना चाहिए, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सैनिकों के पास ठोस युद्ध क्षमताएं हों.’
शी के बयान पर उठ रहे सवाल
जिनपिंग की ओर से सैन्य ताकत बढ़ाने, खासतौर से परमाणु हथियारों पर जोर देने की कोशिश ऐसे समय हो रही है, जब चीन की ताइवान मुद्दे को लेकर अमेरिका से तनातनी है. वहीं भारत से भी बॉर्डर पर चीन का टकराव चल रहा है. ऐसे में जिनपिंग के इस दौरे से कई सवाल उठ रहे हैं.
रॉकेट फोर्स की ब्रिगेड क्या करती है?
चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जिनपिंग ने सैनिकों से अपने काम को दृढ़ता से पूरा करने के लिए कहा है. शी जिनपिंग ने जिस पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स की एक ब्रिगेड का निरीक्षण किया है, वह रॉकेट फोर्स देश की पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों की देखरेख करती है। इसे ब्रिगेड को बेहतर होते अमेरिकी मिसाइल सुरक्षा और मजबूत गठबंधनों के हथियारों के विकास के मद्देनजर चीन की परमाणु ताकतों को आधुनिक बनाने का काम सौंपा गया है.
लोग लगा रहे अटकलें
जिस तरह चीन कई दिनों से ताइवान को धमकी दे रहा है उससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि शी का सैनिकों से अपील ताइवान से तो नहीं जुड़ा है. क्योंकि चीन ने ताइवान के चारों ओर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया, जिसने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है. ताइवान को लेकर चीन की स्थिति स्पष्ट है; वे इसे अपने क्षेत्र का एक हिस्सा मानते हैं और इसके लिए बल प्रयोग की संभावनाओं को खारिज नहीं करते. जिनपिंग की टिप्पणियां इस बात को भी दर्शाती हैं कि चीन अपने सैन्य बल को न केवल मजबूत कर रहा है, बल्कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी सेना रणनीतिक निवारक और लड़ाकू क्षमताओं में सुधार करे. चीन का असली मकसद क्या है यह तो समय बताएगा.