Balochistan: गोलियां चलाईं, गाड़ियों के शीशे तोड़े...अपने ही लोगों पर जुल्म की पाकिस्तान ने पार की इंतहा
What is Balochistan Freedom Movement: चीन को शांत करने के लिए पाकिस्तान बूट और बुलेट दोनों का इस्तेमाल कर रहा है. पाकिस्तान में बलूचों के लिए अपनी आवाज बुलंद करना जुर्म हो गया है. इंसाफ की आवाज उठाना अपराध हो गया है. निर्दोष बलूच ग्वादर में के लिए शामिल होने निकले थे, लेकिन रास्ते में ही उनपर गोलियां चलाई गईं. उनकी गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, टायर बस्ट किए गए.
Pakistan-China News: आवाज दबाने का आरोप सीमा पार पीओके में भी लगते रहे हैं. जिसका असर ऐसा हुआ कि बलूचिस्तान में आजादी की आवाज बुलंद हो चुकी है. बलोच प्रदर्शनकारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. अलग बलूच राष्ट्र की मांग हो रही है. वहीं पाकिस्तानी आर्मी बलूचों से डरी-सहमी है और लगातार अत्याचार के खिलाफ विरोध के बिगुल को कुचलने की साजिश में लगी है. लेकिन बलूचों पर अत्याचार की चिंगारी अब ज्वालामुखी बन चुकी है.
पाकिस्तान हमेशा अपने किए की सजा भुगतता आया है और एक बार फिर पाकिस्तान अपना ही बोया काट रहा है और पाकिस्तान की हुकूमत बलूचों का गुस्सा झेलने पर मजबूर है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बंदरगाह शहर ग्वादर में हजारों की तादाद में बलूच समुदाय विरोध प्रदर्शन कर रहा है.
बलूचिस्तान में आजादी के नारे
चीन के ग्वादर प्रोजेक्ट, मानवाधिकार हनन, युवाओं को गायब किए जाने और प्रांत के संसाधनों के नाजायाज दोहन की बात कहते हुए लोग सड़कों पर उतर गए हैं.
ग्वादर 60 बिलियन डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक अहम हिस्सा है. ये अरब सागर पर पाकिस्तान के एकमात्र गहरे समुद्र का बंदरगाह है जो आर्थिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे में इन प्रदर्शनों ने चीन की चिंता को बढ़ा दिया है. चीन ने अपना बहुत बड़ा निवेश सीपीईसी में किया है.ऐसे में पाकिस्तान को लेकर उसके आका चीन का गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
चीन को शांत करने के लिए पाकिस्तान बूट और बुलेट दोनों का इस्तेमाल कर रहा है. पाकिस्तान में बलूचों के लिए अपनी आवाज बुलंद करना जुर्म हो गया है. इंसाफ की आवाज उठाना अपराध हो गया है. निर्दोष बलूच ग्वादर में के लिए शामिल होने निकले थे, लेकिन रास्ते में ही उनपर गोलियां चलाई गईं. उनकी गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, टायर बस्ट किए गए.
पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने का काउंटडाउन
मतलब साफ है कि बांग्लादेश के बाद बलूचिस्तान, पाकिस्तान के टुकड़े टुकड़े होने का काउंटडाउन शुरु हो चुका है. एक बलूच प्रदर्शनकारी ने कहा, हमपर लाठियां बरसाईं गई, खवातीन को मारा गया, आंसू गैस फेंके गए, हम जब वहां से बचते बचाने मस्तुंग नवाब होटल पहुंचे तो यहां पर हमपर डायरेक्ट फायरिंग की गई, हमारी गाड़ियों के शीशे टूटे, टायर भ्रष्ट किए, जिससे हमारे 14 दोस्त जख्मी हैं, जिनमें से 2 की हालत नाजुक है.
यही नहीं जुर्म का विरोध करने वालों को जबरन उठा लिया जाता है. पीटा जाता है, यहां तक की उनकी हत्याकर शवों को गायब कर दिया जाता है. लेकिन पाकिस्तान के इन अत्याचारों के खिलाफ बलूचों के सीने में भड़कती चिंगारी अब वो ज्वालामुखी बन चुकी है जो पूरे पाकिस्तान को भस्म की तैयारी में है.