PoK Protest against Pakistan: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पिछले कई दिनों से हंगामा मचा हुआ है. PoK के लोग महंगाई और पाकिस्तान सरकार की बेरुखी से इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने सरकार और सेना के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. इस हंगामे को शांत करने के लिए पाकिस्तान सेना ने हर हथकंडे अपनाए. पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई में कई नागरिक मारे गए और कई घायल भी हुए. बावजूद इसके Pok के लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. 


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गुस्से से भरे हुए पीओके के लोग


हालात ये हैं कि Pok के लोग जम्मू कश्मीर के विकास का हवाला देकर, भारत में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं. जब ऐसी स्थिति बनी, तो शाहबाज सरकार के होश उड़ गए. शाहबाज सरकार ने Pok के लोगों को कई तरह की रियायतें दी. इतने पर भी Pok के लोग गुस्से से भरे हुए हैं. 


कट्टरपंथी मुल्ला की हुई एंट्री


अब इस खेल में पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुल्लाओं की एंट्री हो गई है. दरअसल हुआ ये कि Pok में एक बार फिर से हड़ताल का ऐलान किया गया है. Joint Awami Action Committee ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान कर दिया. पाकिस्तानी सेना और सरकार, बातों और बंदूकों के दम पर इस हड़ताल को दबाने की कोशिश में नाकाम हो चुकी थी. ऐसे में अब उसने देश के कट्टरपंथी मौलानाओं को इस काम पर लगाया है.


पाकिस्तान सरकार कट्टरपंथी मौलानाओं की रैलियां आयोजित करवा रही है, ताकि आम लोग उनकी बातों में आकर हड़ताल ना करें. ऐसे ही एक मौलाना हैं, साद हुसैन रिजवी. पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक का मुखिया साद हुसैन रिजवी भी Pok पहुंचा हुआ है. ये वही साद हुसैन रिजवी है जिसका दिया नारा 'सिर तन से जुदा', भारत में भी सुनने को मिलता रहा है.


Pok के लोगों को भ्रमित कर रहा रिजवी


पाकिस्तान के इस्लामिक कट्टरपंथी सोच वालों में साद की अच्छी पकड़ है. इसी का लाभ पाकिस्तानी सेना और सरकार उठाना चाहते हैं. साद अपनी रैलियों में फिलिस्तीन और कश्मीर की बातें करता रहा है. साद अपने एजेंडे के जरिए Pok के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है. वो कट्टरपंथी एजेंडे के तहत फिलिस्तीन और कश्मीर की बात करके, Pok की जॉइंट आवामी एक्शन कमेटी से लोगों का ध्यान हटाना चाहता है. इसके लिए वो स्वांग रच रहा है. जिसमें से एक है घास खाना.


पाकिस्तान का झंडा लगाने तक को तैयार नहीं लोग


Pok में हालात ये है कि पाकिस्तान का झंडा तक कोई लगा नहीं पा रहा है. पाकिस्तानी सेना अगर झंडा लगा दे, तो कुछ ही देर में उसे उतारकर फेंक दिया जाता है. Pok के लोग अपने प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और चीन-पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी परियोजना CPEC को लेकर नाराज हैं. यही वजह है कि Pok को पहले सरकारी रियायतों से लुभाने की कोशिश हुई, फिर सेना की गोली से डराया गया, अब कट्टरपंथी मौलानाओं को भेजकर, धर्म के नाम पर भटकाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो रही है.