Protest of Imran Supporters in Pakistan: पाकिस्तान में आधी रात को शुरु हुई मुठभेड़ का नतीजा दिखने लगा है. पाकिस्तानी पुलिस और फौज ने मिलकर एक मुख्यमंत्री को ही गायब कर दिया है. इस सीएम का नाम है अली अमीन गंडापुर. ये इमरान खान के करीबी नेता हैं और पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा का चीफ मिनिस्टर भी है. इमरान खान के समर्थन में ये लगातार लोगों की भीड़ को लीड कर रहा था. लेकिन कल से इसका कोई अता पता नहीं है.


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छुपने की जगहों पर घुसकर लोगों को पकड़ा


अब इस्लामाबाद में पाकिस्तानी पुलिस और इमरान समर्थकों के बीच दो मुद्दों की लड़ाई है. पहला इमरान खान और दूसरा गायब मुख्यमंत्री की पेशी. इस्लामाबाद पुलिस ने खुद कबूल किया है कि उसने छिपने की जगहों पर घुसकर लोगों को पकड़ा है.


इस्लामाबाद के आईजी सैयद अली नासिर रिजवी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो कह रहे हैं, 'अब हम इस्लामाबाद के अंदर जो छिपने की जगहें हैं. इस्लामाबाद के अंदर जो जगहें हैं जहां से ये निकलते हैं वहां पर जा रहे हैं. क्यों हम इंतजार करें कि वो आए और हम पर हमला करें.'


इंकलाब के नारों से शहबाज-मुनीर की जोड़ी बेचैन 


पाकिस्तान की अवाम इसे आजादी की जंग बता रही है और इंकलाब के इन नारों ने शहबाज-मुनीर की जोड़ी को बेचैन कर दिया है. तभी तो सेना और पुलिस को किसी भी कीमत पर इस प्रदर्शन को रोकने के लिए खुली छूट दे दी गई है. लेकिन इसके बावजूद इमरान की पार्टी PTI के नेताओं के हौंसले कम नहीं हुए हैं.


PTI के एक नेता उमर अमीन गंडापुर ने कहा, कल रात जो इन्होंने शेलिंग की है हमारे बच्चों पर, वो बहुत ज्यादा था. हम पर गोलियां चलाई गईं. लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ है. फल और सब्जी के कंटेनर को रोका गया, गाड़ियों के टायर फाड़ दिए. मुझे लगता है कि इस अत्याचार से इमरान का जुनून कम नहीं होगा. 


इमरान समर्थकों पर गोलियां दाग रही पुलिस


इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे इमरान और समर्थकों को रोकने के लिए मुनीर की सेना और शहबाज की पुलिस अपने ही अवाम की दुश्मन बनकर खड़ी हो गई है. लाहौर, इस्लामाबाद, कराची और रावलपिंडी की सड़कों पर यही नजारा है. एक तरफ पाकिस्तान की सेना और पुलिस गोलियां और आंसू गैस दाग रही है. वहीं दूसरी तरफ इमरान के समर्थक पत्थर बरसा रहे हैं.


एक तरफ इमरान समर्थकों के खिलाफ हिंसा का दौरा जारी है...तो वहीं इमरान की पार्टी के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी की भी कोशिश की जा रही है. बीती रात पाकिस्तानी रेंजर्स खैबर पख्तुनख्वा के सीएम अली अमीन गंडापुर को गिरफ्तार करने पहुंचे.


अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा जिन्नालैंड


लेकिन गिरफ्तारी की कोशिश से कुछ ही घंटों पहले अली अमीन गंडापुर ने इस्लामाबाद की सड़कों से ही शहबाज शरीफ को खुली चुनौती दे डाली. इसी के बाद इमरान की रैली का सबसे बड़ा पोस्टर ब्वॉय पाकिस्तानी हुकुमत की आंखों में खटकने लगा. दावा है कि इसके बाद ही अली अमीन गंडापुर को उठा कर किसी सीक्रेट लोकेशन पर ले जाया गया है.


बहरहाल, ये साफ है कि पाकिस्तान के इस हालात के पीछे कोई एक पार्टी या सेना का कोई एक धड़ा नहीं है. बीते 7 दशकों से अपनी जमीन को आतंकियों की फैक्ट्री की तरह इस्तेमाल करने वाला जिन्नालैंड़ अपने ही गुनाहों की सजा भुगत रहा है.