कौन हैं सिराज खान जिसे पाकिस्तानी कह रहे काफिर? बचपन में कराची से गलती से चला आया दिल्ली, फिल्मी है पूरी कहानी
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कौन हैं सिराज खान जिसे पाकिस्तानी कह रहे काफिर? बचपन में कराची से गलती से चला आया दिल्ली, फिल्मी है पूरी कहानी

Who Is Pakistani Muslim man Siraj Muhammad Khan: पाकिस्तान के सिराज खान की कहानी इन दिनों खूब चर्चा में है. सिराज इस समय पाकिस्तान में हैं लेकिन वह भारत में 22 साल रहकर गए हैं. भारत में शादी की, बच्‍चे पैदा किए और फिर पाकिस्तान चले गए. अब वह चर्चा में हैं. जानते हैं पूरा मामला. 

 

 

कौन हैं सिराज खान जिसे पाकिस्तानी कह रहे काफिर? बचपन में कराची से गलती से चला आया दिल्ली, फिल्मी है पूरी कहानी

Pakistani Man Siraj Muhammad Khan Tragic Story: पाकिस्तान के सिराज मोहम्मद खान की कहानी एक दम फिल्मी है. पाकिस्तानी अखबार द डॉन में सिराज की कहानी छपी, जिसके बाद सिराज की खूब चर्चा होने लगी. सिराज खान 1996 में केवल 10 साल की उम्र में गलत ट्रेन में चढ़कर भारत चले आए थे. भारत आने के बाद करीब 22 साल तक भारत में रहे. उन्होंने मुंबई की एक महिला साजिदा से निकाह भी किया, उनके तीन बच्चे भी हुए, जब भारत के अफसरों तक मामला पहुंचा तो सिराज को दोबारा पाकिस्तान में वापस भेज दिया गया. 2018 में पाकिस्तान लौटे सिराज की जिंदगी नरक हो चुकी है. लोग उन्हें काफिर कहते हैं. जानें पूरा मामला. 

सिराज मुहम्मद खान 38 साल के हैं. पिछले 6 साल से वह भारत से वापस लौटकर उत्तरी खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के बट्टाग्राम में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ एक किराए के कमरे में रहते हैं. पत्नी उनकी एक भारतीय नागरिक हैं. ये लोग इस जुलाई में वीजा मिलने पर पाकिस्तान आए थे. इनका वीजा सितंबर में खत्म हो गया. वीजा की तारीख करीब आने के साथ ही सिराज को इस बात की चिंता है कि अब भारत सरकार उन्हें वीजा न दे और परिवार से अलग हो जाएं, जैसे वह तीन दशक पहले पाकिस्तान से दिल्ली चले गए थे और अपने परिवार से अलग हो गए. 

अब जानें पूरी कहानी...
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने सिराज की जिंदगी पर एक स्टोरी की है,उसमें बताया गया है कि कैसे मानसेहरा जिले के बाहरी इलाके कोंश घाटी के शर्कूल गांव में पैदा हुए सिराज 1996 में स्कूल में फेल होने के बाद पिता के डर से घर से निकले थे. इरादा कराची मामा के पास जाने का था लेकिन 10 साल के सिराज लाहौर में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ गए, जो दिल्ली आ रही थी. इसके बाद सिराज ने अगले साल 22 साल भारत में बिताए.

कराची से पहुंचे दिल्ली
सिराज कहते हैं कि समझौता एक्सप्रेस से वो पहले दिल्ली आए दिल्ली पहुंचने पर एक शख्स ने मुझसे पूछा कि कहां जा रहे हो तो मैंने बताया कि मनसेहरा से आया हूं और कराची जा रहा हूं. इस पर उसने मुझसे कहा कि तुम गलत ट्रेन में बैठ गए हो और अब भारत में हो. इस इंसान ने तरस खाकर मुझे कुछ दिन अपने पास रखा और फिर कुछ पैसे देते हुए दिल्ली से मुंबई जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया.

गुजरात में जेल
सिराज बताते हैं, 'मेरी ट्रेन ने जब गुजरात में एंट्री की तो स्थानीय पुलिस ने चैकिंग के दौरान मुझे हिरासत में ले लिया और मेरे ये कहने के बाद कि मैं पाकिस्तान से हूं, मुझे अहमदाबाद के एक बाल गृह भेज दिया. मैंने अहमदाबाद में तीन साल बिताएगा. मैंने उनसे कहा कि मैं मनसेहरा से हूं लेकिन कोई ये नहीं मानता था कि पाकिस्तान से 10 वर्षीय बच्चा अकेले भारत का सकता है.'

जेल से भागकर पहुंचे मुंबई
सिराज बताते हैं कि आश्रय गृह से भागकर मुंबई पहुंच गया और सड़कों पर रहने लगे. यहां धीरे-धीरे लोगों को समझा और मेहनत मजदूरी शुरू कर दी.

मैरिज हॉल में किया काम
सिराज बताते हैं कि मुंबई पहुंचकर पेट भरने के लिए एक मैरिज हॉल में काम शुरू किया. खाना बनाना सीखा और नौ साल तक वहां काम किया. कुछ पैसे मिलने लगे तो मुंबई के विजय नगर की झुग्गी में एक कमरा किराए पर लिया. इसी झुग्गी में सिराज की मुलाकात साजिदा से हुई, जो उनके पड़ोस में रहती थीं. प्यार हुआ और 2005 में दोनों ने शादी कर ली. 2006 में दंपत्ति को लड़की और 2010 में जुड़वा लड़के हुए.

भारत में हुई दोबारा जेल, भेजा गया पाकिस्तान
सिराज बताते हैं कि बच्चे होने के बाद नागरिकता लेने की कोशिश की, लेकिन भारतीय अधिकारियों की जांच में पकड़ा गया और जेल भेज दिया. एकक साल बाद उसकी जमानत हुई और उसके बाद मामला कोर्ट में चला लेकिन सिराज को भारत सरकार ने 2018 में पाकिस्तान भेज दिया गया.

पाकिस्तान में कहा गया काफिर
सिराज आगे कहते हैं, पाकिस्तान पहुंचने के बाद सेना और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने तीन दिनों की पूछताछ के बाद मनसेहरा जाने की इजाजत दी. इस तरह 22 साल बाद 10 मार्च, 2018 को वह अपने घर वापस लौटे लेकिन उनका यहां किसी ने स्वागत नहीं किया. उनके परिवार और रिश्तेदारों ने उन्हें शक की नजर से देखा और भारतीय जासूस, हिंदू और काफिर कहकर पुकारा.

परिवार से कोई नहीं करता बात
सिराज की पत्नी साजिदा कहती हैं कि उनके साथ भी पति के परिवार का सलूक अच्छा नहीं रहा. सिराज का परिवार चाहता है कि वह भारतीय पत्नी को छोड़ दे. साजिदा कहती हैं कि पाकिस्तान में बच्चों को भी भारतीय होने की वजह स्कूल में तानों का शिकार होना पड़ा. ऐसे में 2022 में चार साल बाद साजिदा और बच्चे भारत लौटे और वे अगले दो साल तक वापस नहीं गए. साजिदा और बच्चे इस साल फिर से पाकिस्तान गए और फिलहाल सिराज के साथ हैं. हालांकि ये परिवार कब तक एक साथ रहेगा, ये वीजा पर निर्भर करेगा.

वीजा के लिए परेशान सिराज, बेटी की शादी में होना चाहता है शामिल
सिराज का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को अपनी स्थिति बताते हुए और अपने परिवार के लिए वीज़ा एक्सटेंशन की मांग करते हुए पत्र लिखा है. वह यह भी चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें देश की यात्रा करने दे, ताकि वे अपनी बेटी की शादी में शामिल हो सकें. वे कहते हैं, “मुझे निर्वासित हुए छह साल हो गए हैं.” तय समय से ज़्यादा समय तक रहने या अन्य वीज़ा उल्लंघन के परिणामस्वरूप भारतीय गृह मंत्रालय के विवेक पर निर्भर करते हुए दो से 10 साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

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