India Pakistan Trade: पाकिस्तान को गरीबी खाए जा रही है. लेकिन उसके वजीर-ए-आजम छोटे 'शरीफ' इन दिनों भारत के साथ तिजारत करने का ख्वाब देख रहे हैं. उधर फटेहाल पाकिस्तान में ये बहस छिड़ी हुई है कि क्या भारत के आगे पाकिस्तान की कोई हैसियत है भी या नहीं. वहां की जनता, पाकिस्तानी बुद्धिजीवी और पाक मीडिया हर कोई शहबाज सरकार की नौटंकी के आगे अपना सिर पकड़े बैठी है.  


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दरअसल कंगाली में डूबा पाकिस्तान भारत से उम्मीद कर रहा है कि वो उस पर रहम खाए, उसके साथ व्यापार शुरु करे. लेकिन भारत ने एक बार नहीं हजारों बार ये बात साफ कर दी है कि बातचीत, व्यापार और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते. 


विदेश मंत्री जयशंकर कह चुके हैं कि हमने कई बार ये एकदम साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद के किसी भी खतरे को भारत से उचित जवाब मिलेगा.


यानी पाकिस्तान भारत से व्यापारिक संबंध रखने के लिए उतावला हो रहा है. लेकिन भारत उसे  उसकी नापाक चालें रोकने के लिए चेतावनी दे रहा है. अब पाकिस्तान की जनता भी मानती है कि भारत से पाकिस्तान की कोई तुलना ही नहीं है.


भारत से तुलना नहीं हो सकती : पाकिस्तानी मीडिया


पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि बड़े दुख वाली बात ये है कि हमारी तुलना भारत से करना बनता ही नहीं है, हमारी औकात 50-60 मिलियन डॉलर मांग कर बनती है.. और एक 600 बिलियन डॉलर की इकॉनोमी है. आप खुद देखों हमारी तुलना उसने कैसे हो सकती है.


पाकिस्तान के विशेषज्ञ साद हाफिज ने अपने आर्टिकिल में पाकिस्तानी हुक्मरानों को आईना दिखाया है. उन्होंने लिखा- 'आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के हालात जटिल बने. नतीजा ये कि भारत ने अपनी रणनीति बदल दी. अब भारत आर्थिक दबाव की नीति की तरफ शिफ्ट कर गया'. यानी भारत को पाकिस्तान की कोई जरूरत है ही नहीं.


'सुपरपावर लिस्ट में शामिल हुआ भारत'


पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि अब भारत बड़ा तेज़ी से दुनिया की महाशक्ति बन रहा है और आगे की तरफ जा रहा है. हर बात में भारत टॉप-5, टॉप-4 के अंदर मौजूद है. चीन, रूस, सउदी अरब और अमेरिका. यानी दुनिया की बड़ी पावर में शुमार हो गया.


वैसे इन दिनों भारत में चुनाव हो रहे हैं और चुनाव की  व्यस्तता खत्म होने के बाद पाकिस्तान को अच्छे से पता है कि भारत फिर उसे छोड़ेगा नहीं. इसलिए व्यापार की बात करना तो दूर सपने में भी सोच लेना पाकिस्तान की बड़ी भूल होगी.