स्विट्जरलैंड में यूक्रेन शांति सम्मेलन में भाग नहीं लेगा चीन, शर्तें पूरी ना होने पर लिया बड़ा फैसला!
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स्विट्जरलैंड में यूक्रेन शांति सम्मेलन में भाग नहीं लेगा चीन, शर्तें पूरी ना होने पर लिया बड़ा फैसला!

China : स्विट्जरलैंड जून के महीने में शिखर सम्मेलन के लिए दुनिया के कई हिस्सों से उपस्थिति की मांग कर रहा है. ऐसे में चीन ने सम्मेलन में भाग नहीं लेने का संकेत दे दिया है, क्योंकि चीन का मानना है, कि उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई है.

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Ukraine Peace Summit : स्विट्जरलैंड में जून के महीने में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन होना है. इससे पहले चीन ने सम्मेलन में भाग नहीं लेने का संकेत दे दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग की ओर से एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन ने बीजिंग के विचार और चिताओं के बारे में सभी पक्षों को बता दिया है, चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि इसमें मास्को और कीव दोनों को शामिल करने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हो रही है.

निंग ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चीन यूक्रेन में पहला शांति शिखर सम्मेन आयोजित करने के लिए स्विट्जरलैंड को बहुत महत्व देता है, लेकिन हमेशा मानता है कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को 'रूस और यूक्रेन से मान्यता', 'सभी पक्षों की समान भागीदारी' और 'सभी शांति प्रक्रियाओं पर निष्पक्ष चर्चा' के तीन महत्वपूर्ण तत्तवों को पूरा करने की जरूरत है. वरना शांति सम्मेलन शायद ही शांति बहाल करने में एक ठोस भूमिका निभा सके. 

 

शर्तें पूरी नहीं हुई

एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस हफ्ते के शुरू में शिखर सम्मेलन के निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि उसकी शर्तें पूरी नहीं की गई थीं. बीजिंग की शर्तों में रूस और यूक्रेन दोनों की समान भागीदारी और सभी प्रस्तावों पर निष्पक्ष चर्चा शामिल थी.

बीजिंग स्थित यूक्रेनी दूतावास के प्रवक्ता ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, हमें बहुत दुख है कि चीनी पक्ष स्विट्जरलैंड में शिखर सम्मेलन के मंच पर अपनी स्थिति प्रस्तुत करने के अवसर का इस्तेमाल नहीं कर रहा है.

 

तो उधर, पाकिस्तान ने शुक्रवार ( 31 मई ) को अफगानिस्तान से आग्रह किया कि वह हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के कथित साजिशकर्ताओं को इस्लामाबाद को सौंपे. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बेशम इलाके में 26 मार्च को एक वाहन को निशाना बनाया गया था. पाकिस्तान ने जांच के दौरान पाया कि हमले की योजना प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने बनाई थी और अफगानिस्तान में अपने ठिकानों से इस हमले को अंजाम दिया था. 

बता दें, कि विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच से मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पूछा गया था कि क्या पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार को काबुल में हुई बैठक में अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से 26 मार्च को हुए हमले के साजिशकर्ताओं को सौंपने की मांग की थी. 

इस पर प्रवक्ता ने कहा, हां पाकिस्तान ने हमले की जांच के संबंध में परिणाम साझा किए हैं. हमले के दोषियों को पकड़ने में अफगानिस्तान की मदद मांगी है. उन्होंने कहा कि अफगान पक्ष किसी भी आतंकवादी गतिविधि के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और जांच के निष्कर्षों की जांच करने व पाकिस्तान के साथ काम करने के लिए सहमत हुआ है.

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