बीजिंग: चीन ने पाकिस्तान को अत्यधिक संवेदनशील ट्रैकिंग प्रणाली बेची है, जिससे इस्लामाबाद की मिसाइल क्षमता में बढ़ोतरी हो सकती है. दक्षिण चीन मॉर्निग पोस्ट के अनुसार, एक चीनी थिंक टैंक ने कहा कि चीन पाकिस्तान को इस तरह की प्रौद्योगिकी देने वाला पहला देश है. चीन पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है. शिचुआन प्रांत के चेंगदू में चाइना एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) इंट्स्टीट्यूट ऑफ ऑपटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के शोधकर्ता झेंग मेंगवी ने कहा, "पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में अपने नए मिसाइलों के परीक्षण और विकास के लिए एक चीन निर्मित प्रणाली को 'फायरिंग रेंज' पर तैनात किया है."


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सीएएस की ओर से जारी बयान के अनुसार, चीनी टीम को पाकिस्तान में इस ट्रैकिंग प्रणाली को असेंबलिंग व जांच करने और इसे प्रयोग करने के लिए तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के दौरान काफी इज्जत दी गई. बयान के अनुसार, प्रणाली का प्रदर्शन प्रयोगकर्ताओं के उम्मीद से काफी बेहतर था. इसके लिए इस्लामाबाद की ओर से दी गई धनराशि के बारे में अभी बताया नहीं गया है.


इंफ्रारेड डिटेक्टर से लैस है यह प्रणाली 
द पोस्ट के अनुसार, "ऑप्टिकल प्रणाली मिसाइल के परीक्षण के लिए बेहद जरूरी होता है. यह लेजर रेंजर के साथ उच्च दक्षता वाले टेलीस्कोप, उच्च गति वाले कैमरे, इंफ्रारेड डिटेक्टर और केंद्रीकृत कंप्यूटर प्रणाली से लैस होता है जो चलते हुए लक्ष्य का फोटो लेने और पीछा करने के लिए होती है." 


चार टेलीस्कोप ईकाइयों का इस्तेमाल
यह डिवाइस मिसाइल के इसके लॉन्चर से अलग होने, स्टेज सेपरेशन, टेल फ्लैम और वातावरण में मिसाइल के दोबारा प्रवेश करने की तस्वीर उच्च रिज्योलेशन के साथ कैद करता है. झेंग ने कहा, "चीन निर्मित प्रणाली की विशेषता इसकी चार टेलीस्कोप ईकाइयों के प्रयोग की क्षमता है जिसकी क्षमता सामान्य रूप से काफी ज्यादा है." उन्होंने कहा, "हमने सामान्य तौर पर उन्हें आंख का एक जोड़ा दिया है. वे इससे जो भी देखना चाहें, देख सकते हैं, यहां तक की चांद भी."