आतंकवाद पर पाक का बड़ा बयान, कहा- `भारत के बताए स्थानों पर कोई शिविर नहीं`
विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान अनुरोध किए जाने पर इन स्थलों पर यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकवादी हमले संबंधी जांच के 'प्रारम्भिक निष्कर्ष' नई दिल्ली के साथ साझा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने जिन 22 स्थानों के बारे में बताया था, उसने उनकी जांच की है लेकिन उसे वहां कोई आतंकवादी शिविर नहीं मिले.
उसने दावा किया कि इस आतंकवादी हमले के संबंध में 54 लोगों को हिरासत में लिया गया लेकिन उनका हमले से किसी तरह से संबंध होने का पता नहीं चला है. विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान अनुरोध किए जाने पर इन स्थलों पर यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक है.
आगे इस कार्यालय ने कहा, ‘‘हिरासत में बंद 54 व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जा रही है, लेकिन पुलवामा हमले से उनके संबंध के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है.’’
कार्यालय ने कहा, ‘‘इसी प्रकार भारत ने जिन 22 स्थलों के बारे में बताया था उनकी जांच की गई है. इस प्रकार के कोई शिविर नहीं हैं. पाकिस्तान अनुरोध किए जाने पर इन स्थलों पर यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक है.’’
उसने कहा कि सहयोग करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर पाकिस्तान ने कुछ प्रश्नों के साथ अपनी जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष बुधवार को भारत के साथ साझा किए. कार्यालय ने कहा, ‘‘साथ ही, इस्लामाबाद में राजनयिक कोर को भी जानकारी दी गई है.’’
भारत ने पुलवामा में किए गए आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता के ‘विशिष्ट ब्यौरों’ और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के शिविरों के बारे में एक अधिकृत दस्तावेज, डोजियर पड़ोसी राष्ट्र को 27 फरवरी को सौंपा था. यह डोजियर पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपा गया था.
विदेश कार्यालय ने कहा कि डोजियर मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने एक जांच टीम गठित की, जांच के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया और उस सोशल मीडिया सामग्री के तकनीकी पहलुओं पर काम शुरू किया जो भारतीय दस्तावेजों का एक मुख्य आधार है.
उसने कहा कि भारतीय डोजियर में 91 पृष्ठ और छह भाग हैं जिनमें से केवल दूसरा और तीसरा भाग ही पुलवामा हमले से संबंधित है. कार्यालय ने कहा, ‘‘अन्य भाग एक तरह से सामान्य आरोप हैं. पाकिस्तान पुलवामा हमले संबंधी भागों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.’’
उसने दावा किया कि जांच के दौरान भारत द्वारा मुहैया कराई गई सूचना के सभी पहलुओं की पूरी जांच की गई. इसमें आदिल डार का ‘‘अपराध स्वीकार करने वाला’’ वीडियो, हमले की जिम्मेदारी का ‘‘दावा’’, पुलवामा हमले के समर्थन में संदेश एवं वीडियो साझा करने के लिए इस्तेमाल किए गए व्हाट्सऐप और टेलीग्राम नंबर, प्रतिबंधित संगठन से जुड़े 90 संदिग्ध लोगों की सूची और प्रशिक्षण शिविरों के 22 बताए स्थल शामिल हैं.
कार्यालय ने कहा कि सेवा प्रदाताओं से भारत द्वारा मुहैया कराए गए जीएसएम नंबर के संपर्कों एवं गतिविधियों की प्रासंगिक जानकारियों समेत डेटा देने का अनुरोध किया गया हे.
उसने कहा कि अमेरिका सरकार से व्हाट्सऐप के सहयोग का अनुरोध किया गया है. जांच की प्रक्रिया जारी रखने के लिए भारत से उक्त अतिरिक्त जानकारी एवं दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.
उसने कहा, ‘‘पाकिस्तान इस प्रक्रिया को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले के बाद से भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ गया है. इसके बाद भारत ने बालाकोट में जैश के एक प्रशिक्षण शिविर पर आतंकवाद विरोधी एक अभियान को अंजाम दिया था.