Peace Conference in Saudi Arabia's Jeddah: रूस- यूक्रेन के बीच पिछले डेढ़ साल से चल रहे युद्ध का असर केवल उन दोनों देशों पर ही नहीं पड़ रहा बल्कि पूरी दुनिया इसका खामियाजा भुगत रही है. यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में गेहूं और दूसरे खाद्यान्नों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. साथ ही पेट्रोलियम की कीमतों में भी इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि अब दुनिया इस युद्ध को खत्म करवाने के प्रयासों में जुटी हुई है. इसके लिए दुनिया को भारत से बहुत उम्मीदें हैं. केवल वही एक ऐसा देश है, जिसका दोनों पक्षों पर गहरा प्रभाव है. 


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शनिवार से शुरू होगा 2 दिवसीय सम्मेलन


जानकारी के मुताबिक यूक्रेन (Russia Ukraine War Updates) की शांति योजना पर शनिवार से सऊदी अरब (Saudi Arabia) के तटीय शहर जेद्दा में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन के लिए सऊदी अरब ने भारत समेत कुछ चुनिंदा देशों को आमंत्रित किया है. भारत ने सऊदी अरब का आमंत्रण स्वीकार करते हुए सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति जता दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इस बारे में पुष्टि की. 


भारत ने स्वीकार किया सऊदी का निमंत्रण


बागची ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War Updates) पर भारत का शुरू से ही यह स्टैंड रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही यूक्रेन संकट को हल करने का रास्ता है. जेद्दा में होने वाली बैठक में भारत की भागीदारी उसकी लंबे समय से चले आ रहे इसी स्टैंड के अनुरूप होगी. इस शांति सम्मेलन में भारत और कई यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका, चीन को भी बुलाया गया है. 


कौन करेगा भारत का प्रतिनिधित्व


अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में अरिंदम बागची ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘हां, जेद्दा में यूक्रेन Russia Ukraine War Updates पर सऊदी अरब द्वारा आयोजित एक बैठक में भारत को आमंत्रित किया गया है. भारत इस कार्यक्रम में भाग लेगा और हमारी भागीदारी हमारी लंबे समय से चली आ रही स्थिति के अनुरूप है कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है.’ हालांकि बागची ने यह जानकारी साझा नहीं की कि इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. 


इस वजह से दुनिया को भारत को उम्मीदें


बता दें कि पश्चिमी देशों के तमाम दबाव के बावजूद भारत ने अब तक इस युद्ध (Russia Ukraine War Updates) को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है और न ही उसके साथ व्यापार बंद किया है. वहीं यूक्रेन के साथ भी उसका संपर्क लगातार बना हुआ है और वह उसे नियमित रूप से मानवीय मदद भेज रहा है. भारत ने जहां एक ओर यूक्रेन की एकता-अखंडता और सार्वभौमिकता का समर्थन किया है. वहीं रूस के साथ भी उसके रिश्तों में गर्मजोशी बनी हुई है. 


क्या खत्म हो पाएगा रूस-यूक्रेन का युद्ध?


उसकी यही स्टैंड दोनों पक्षों में उसे स्वीकार्य बनाता है. यही वजह है कि दुनिया को उम्मीद है कि जब भारत दृढ होकर दोनों पक्षों से शांति की टेबल पर आने का आह्वान करेगा तो वे इनकार नहीं कर पाएंगे और यह असीमित युद्ध खत्म हो जाएगा. 


(एजेंसी इनपुट)