बीयर के लिए मशहूर इस शहर में छिपा है कोरोना का इलाज

अंतरराष्ट्रीय स्तर की बीयर बनाने वाले इस कस्बे में आजकल दुनिया की सबसे बड़ी आपदा कोरोना वायरस को मिटाने और उससे बचने की वैक्सीन बनाई जा रही है.

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इन दो कारणों से प्रसिद्ध है कस्बा

इस कस्बे का नाम है पुरुस (Purus). ये कस्बा ब्रसेल्स और आंटवर्प शहरों के बीच में स्थित है. पिछले हफ्ते लोग यहां की डीना टेरसागो मिस बेल्जियम के लिए जाना जाता था. वो एक टीवी शो भी चलाती हैं. वहीं दूसरा कारण यहां कि प्रसिद्ध बीयर है. ये बीयर एस्परैगस से बनाई जाती है. इस समय इस कस्बे में एस्परैगस की फसलों की भरमार है.

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कस्बे में शुरू हुआ कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन

हालांकि अब ये कस्बा इसलिए जाना जा रहा है क्योंकि यहां पर मौजूद फाइजर (Pfizer) कंपनी की फैक्ट्री में कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो चुका है. पुरुस कस्बे के मेयर कोएन वान डेन ह्युवेल मजाक में कहते हैं कि हमारे लोगों को सबसे पहले कोविड-19 की वैक्सीन डोज मिलेगी. हालांकि मेयर और यहां के लोगों को पता है फाइजर कंपनी के कई समझौते हैं. उसी समझौते के अनुसार वह दुनियाभर में वैक्सीन बांटेंगी. 

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यहां की डूवेल बीयर है सबसे प्रसिद्ध

जानकारी के मुताबिक, पुरुस कस्बा दो सड़कों से विभाजित है. यहां एक चर्च, स्कूल, केमिस्ट कुछ रेस्टोरेंट और एस्परैगस के खेत भी हैं. पुरुस को कई दशकों तक उसके मूर्टगाट ब्रेवरी द्वारा बनाई जाने वाली डुवेल बीयर के लिए जाना जाता है. 1960 के दशक में यहां पर फाइजर की सबस्डियरी कंपनी अपजॉन ने फैक्ट्री लगाई थी. यहां के 3000 लोगों को नौकरी दी. इसके बाद इस कस्बे की किस्मत बदल गई. 

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90 प्रतिशत तक कारगर है वैक्सीन

फाइजर और बायो-एन-टेक कंपनी ने एकसाथ दावा किया है कि उनकी वैक्सीन कोविड-19 को ठीक करने के लिए 90 फीसदी प्रभावी है. इसलिए पूरी दुनिया की नजर इस समय पुरुस पर है. क्योंकि यहीं पर इस वैक्सीन का सबसे अधिक उत्पादन किया जा रहा है.  हाल ही में फाइजर ने स्थानीय स्तर पर एक विज्ञापन निकाला था. 

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वायरस म्यूटेट हो सकता है!

इसमें कंपनी ने कहा था कि उन्हें वैक्सीन मेकर चाहिए. क्योंकि उन्हें अगले साल के अंत तक एक अरब से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन के डोज बनाने हैं. क्योंकि ये बीमारी इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाली. स्थानीय केमिस्ट जो वर्स्टूफिट ने कहा कि हमें खुशी है कि दुनिया भर को हमारे यहां बनी वैक्सीन मिलेगी. लेकिन शायद ये वैक्सीन इस समस्या का अकेला समाधान न हो. क्योंकि वायरस म्यूटेट हो सकता है. इसिलए हो सकता है कि यह वैक्सीन कुछ महीने तक ही लोगों को बचा सके. 

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