Marathon War: वह युद्ध जिसने यूरोप को दिया जन्म और एक सल्तनत को खुरच कर मिटा दिया
प्राचीन फारस और ग्रीस (यूनान) के बीच लड़े गए मैराथन के युद्ध का इतिहास बेहद रोमांचक है. एथेंस और प्राचीन फारस के बीच सन 449 ईसा पूर्व में लड़े गए इस युद्ध में एथेंस की शानदार जीत हुई और शक्तिशाली फारस की हार हुई थी.
प्राचीन फारस और ग्रीस के बीच लड़े गए मैराथन के युद्ध का इतिहास बेहद रोमांचक है. एथेंस और प्राचीन फारस के बीच सन 449 ईसा पूर्व में लड़े गए इस युद्ध में एथेंस की शानदार जीत हुई और जल्द ही मैराथन को यूनानी दुनिया में एक दंतकथा की पहचान मिल गई.
इससे ग्रीस की भूमि से फारसी लड़ाकों को निकाले जाने से अत्याचार के विरुद्ध मुक्ति के लिए साहसिक युद्ध की एक कथा ने जन्म लिया. इतिहासकार बताते हैं कि यूरोप का जन्म भी मैराथन में ही हुआ.
इतिहासकारों का कहना है कि फारसियों के लिए मैराथन एक छोटी सी झड़प से अधिक नहीं था क्योंकि यह ग्रीस (यूनान) पर विजय प्राप्त करने के मकसद से नहीं लड़ा गया था. हालांकि इस कहानी को उलट बना दिया गया और यूरोप में स्कूल के बच्चों को सदियों से यही पढ़ाया जाता है.
सायरस या ज़ुलक़रनैन के उत्कर्ष और उससे दो सदियों के बाद डेरेयिस या दारा प्रथम की मौत के बीच फारस की सल्तनत दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति थी.
यह एक ऐसी सल्तनत थी जिसकी बुनियाद आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, विकसित सभ्यताओं और धर्मों की उदारता और जरूरत पड़ने पर ताकत के इस्तेमाल से रखी गई थी, लेकिन युद्ध के बाद इसे पूरी तरह से खुरच यानी नष्ट कर दिया गया.
कुछ लोगों ने यह दृष्टिकोण भी दिया कि दुनिया पर यूरोपीय वर्चस्व का कारण ईसाईयत या धर्म नहीं है, जैसा पहले समझा जाता था, बल्कि इसका कारण वह सांस्कृतिक परंपरा है जिसका आरंभ प्राचीन यूनान से हुआ.
उनका मानना था कि ग्रीस ने स्वतंत्रता और बौद्धिकता की खोज की और फिर रोम ने उन्हें पूरे यूरोप में विजयों के जरिए फैला दिया.