Most Advanced Military Aircraft: आ रहा है दुनिया के सारे लड़ाकू विमानों का `बिग बॉस`, दुश्मन को पल में सुलाएगा मौत की नींद
B-21 Raider: अमेरिकी एयरफोर्स अपना लेटेस्ट स्टेल्थ विमान शुक्रवार को पेश करेगी. इस विमान का नाम है B-21 रेडर. इसे नॉर्थरोप ग्रुम्मन ने बनाया है. यह B-1 और B-2 की जगह लेगा. कंपनी के मुतबिक बी-21 दुनिया में अब तक का सबसे एडवांस मिलिट्री एयरक्राफ्ट होगा. इस एयरक्राफ्ट को कंपनी `डिजिटल बॉम्बर` कहकर प्रमोट कर रही है. इसे 2 दिसंबर को कैलिफोर्निया के पामडेल में कंपनी की साइट पर पेश किया जाएगा. इसके `दुनिया में छठी पीढ़ी का पहला विमान` कहा जा रहा है. बी-21 रेडर को अगली पीढ़ी की स्टेल्थ क्षमता के साथ विकसित किया गया है. आसान शब्दों में कहें तो यह दुश्मन की रडार में आए बिना उसे नेस्तनाबूद कर देगा. पढ़ें विमान से जुड़ी अहम बातें.
जब यह विमान अमेरिकी एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा तो यह US न्यूक्लियर ट्रायड का हिस्सा होगा. इससे अमेरिकी एयरफोर्स लंबी रेंज वाले मिशन को भी बेहद आराम से पूरा कर पाएगी. नॉर्थरोप के प्लांट में 6 बी-21 रेडर विमान फाइनल असेंबली के विभिन्न चरणों में हैं. भविष्य में इन विमानों के अमेरिकी वायु सेना की रीढ़ बनने की उम्मीद है.
इस विमान में पारंपरिक मिसाइलों के अलावा न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जाने की क्षमता है. क्लाउड कंप्यूटिंग के इंटीग्रेशन, डेटा, सेंसर और हथियारों के एडवांस इंटीग्रेशन के जरिए बी-21 रेडर को फुर्तीले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके बनाया गया है.
कंपनी ने कहा है कि पिछली पीढ़ी के विमानों से हटकर, बी-21 रेडर ब्लॉक अपग्रेड से नहीं गुजरेंगे. कंपनी के मुताबिक, फुर्तीले सॉफ्टवेयर अपग्रेड, बिल्ट-इन हार्डवेयर फ्लेक्सिबिलिटी वाली नई टेक्नोलॉजी, क्षमताओं और वेपन सिस्टम को विमान में शामिल किया जाएगा. एक स्मार्टफोन की तरह. लेकिन यह थोड़ा ज्यादा जटिल होगा.
इस विमान को वैश्विक सुरक्षा के माहौल में इंटेलिजेंस, सर्विलांस, सैनिक परीक्षण, इलेक्ट्रॉनिक अटैक और मल्टी डोमेन नेटवर्किंग की क्षमता के लिए तैनात किया जा सकता है. जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह विमान न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है और यह दुश्मन के इलाके में घुसकर बिना पकड़ में आए उसे निशाना बना सकता है.
बी-21 रेडर का नाम दूसरे विश्व युद्ध के डुलबिटल रेड के सम्मान में रखा गया है. उस युद्ध में लेफ्टिनेंट कर्नल जेम्स जिमी डुलटिटल की अगुआई में 80 एयरमैन और 16 बी-25 मिशेल मिडियम बॉम्बर्स एक मिशन पर निकल पड़े, जिसने युद्ध का नक्शा ही बदल डाला था.