सूक्रे (बोलीविया): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आज की दुनिया महात्मा गांधी के दौर की दुनिया से बहुत अलग है, लेकिन राष्ट्रपिता को 21वीं सदी की ‘‘बड़ी चुनौतियों’’ का अंदाजा हो गया था.


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महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से संबंधित कार्यक्रम में शुक्रवार को बोलीविया में कोविंद ने 21वीं सदी में राष्ट्रपिता की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि उनके सिद्धांतों ने भारत के विकास अनुभव को आकार दिया है.


राष्ट्रपति कोविंद लातिन अमेरिकी देश बोलीविया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. भारत और बोलीविया के बीच राजनयिक संबंध कायम होने के बाद यह पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है. दोनों देशों ने राजनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.


सांता क्रूज स्थित अटोनोमस यूनिवर्सिटी ऑफ गैब्रिएल रेने मोरेनो में अपने संबोधन में कोविंद ने कहा कि आज की दुनिया महात्मा गांधी के समय की दुनिया से बहुत अलग है.


राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘और फिर भी गांधीजी 21वीं सदी की चिंताओं को लेकर काफी प्रासंगिक बने हुए हैं. टिकाऊपन, पारिस्थितिकीय संवेदनशीलता और प्रकृति के साथ जीने की अपनी पक्षधरता के तहत उन्होंने हमारे समय की कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का अंदाजा पहले ही लगा लिया था. संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार किए गए सतत विकास लक्ष्य सही मायने में गांधीवादी दर्शन हैं.’’ 


इस मौके पर राष्ट्रपति ने एक सभागार का नाम भी महात्मा गांधी के नाम पर रखा. यह यूनिवर्सिटी बोलीविया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में से एक है, जिसमें 115,000 छात्र हैं.