Gay Marriages Cattolic Church: समलैंगिंक शादियों के मुद्दे पर कैथोलिच चर्च का नजरिया सख्त रहा है लेकिन चर्च के नजरिये में कुछ बदलाव होता नजर आ रहा है. पोप फ्रांसिस ने सुझाव दिया है कि कैथोलिक पादरी इन्हें अपना आशीर्वाद दे सकते हैं. हालांकि इसमें शर्तें भी जुड़ी होंगी. केस टू केस आधार पर ऐसा किया जा सकेगा. इसका अर्थ यह है कि सामान्य तौर पर गे शादियों को ब्लेसिंग(Catholic Bishop Blessing) नहीं मिलेगी.


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पोप फ्रांसिस के सुझाव पर इन्हें था संदेह


पोप फ्रांसिस(Pop Fransis) के इस सुझाव पर पांच रूढ़िवादी पादरियों ने सवाल उठाए थे. इनका कहना था कि गे शादियों को आशीर्वाद देने का मतलब चर्च की शिक्षा या सिद्धांतों पर हमला होगा. वाल्टर ब्रैंडमूलर, रेमंड लियो बुरके, जुआन सैंडोवल इंगेज, रॉबर्ज सराब और जोसेफ जे किउन ने सवाल उठाये थे. इन लोगों ने कहा था कि आखिर पोप फ्रांसिस का मकसद क्या है आखिर वो क्यों सेम सेक्स यूनिसन यानी समलैंगिक शादी करने वालों को आशीर्वाद  देने के साथ महिला पादरियों की बात कह रहे हैं. इस संबंध में इन लोगों ने 10 जुलाई को पत्र लिखा था. पोप के जवाबों से संतुष्ट नहीं होने के बाद 21 अगस्त को एक बार फिर चिट्ठी लिखी.


दुबिया एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ संदेह होता है. इसके जरिए किसी भी विवादित मुद्दे पर हां या ना में जवाब में मांगा जाता है. इन पांचों पादरियों के संदेह पर जवाब देते हुए पोप फ्रांसिस ने खत में लिखा कि जब आप से ब्लेसिंग के लिए कहा जाता है तो इसका अर्थ यह है कि आप भगवान से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अच्छे तरीके से रहने के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं, आप फादर में भरोसे की बात कहते हैं जो आपको अच्छी जिंदगी जीने में मदद करे. 


पोप के नजरिए में बड़ा बदलाव


25 सितंबर को लिखे पत्र मे उन्होंने यह भी कहा कि पादरी को विवेक दिखाना चाहिए. यह समझना चाहिए कि क्या एक या अलग अलग लोगों द्वारा अनुरोधित आशीर्वाद के ऐसे रूप हैं, जो विवाह की गलत अवधारणा को व्यक्त नहीं करते हैं.  पोप फ्रांसिस का हालिया बयान मार्च के उनके बयान का खंडन करता है, जब उन्होंने कहा था कि भगवान पाप को आशीर्वाद नहीं दे सकते. वेटिकन ने लंबे समय से विवाह को पुरुष और महिला के बीच अविभाज्य मिलन के रूप में परिभाषित किया है. लंबे समय से समलैंगिक विवाह का विरोध किया है.