Baghdad News: कुरान की एक प्रति जलाए जाने की योजना के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार तड़के बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर धावा बोल दिया और परिसर में घुसकर आगजनी की. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इस घटना के कई वीडियो ऑनलाइन वायरल हुए हैं. इन वीडियो में प्रदर्शनकारियों को प्रभावशाली इराकी शिया मौलवी और राजनीतिक नेता मुक्तदा अल-सद्र को दर्शाने वाले झंडे और बोर्ड लहराते हुए नजर आए हैं. बता दें पिछले महीने के अंत में, सद्र ने एक इराकी व्यक्ति द्वारा स्टॉकहोम में कुरान जलाने के बाद स्वीडन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और स्वीडिश राजदूत के निष्कासन का आह्वान किया था. 


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यह स्पष्ट नहीं हुआ कि जिस समय यह सब हुआ उस समय परिसर के अंदर कोई कर्मचारी था या नहीं. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक वीडियो में दर्जनों लोगों को परिसर में बाड़ पर चढ़ते हुए देखा जा सकता है. एक दूसरे वीडियो में नजर आता है कि कि  दूतावास परिसर में एक छोटी सी आग लगाई जा रही थी. एक अन्य फ़ुटेज में गर्मी की तपिश में कुछ पुरुष बिना शर्ट के दूतावास के एक कमरे के अंदर दिखाई दिए, और बैकग्राउंड में अलार्म बज रहा था.


इराक के विदेश मंत्रालय ने की हमले की निंदा
इराक के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर हमले की निंदा की. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'इराकी सरकार ने सक्षम सुरक्षा अधिकारियों को तत्काल जांच करने और घटना की परिस्थितियों को उजागर करने और इस कृत्य के अपराधियों की पहचान करने और उन्हें कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय करने का निर्देश दिया है.’


क्यों हुआ प्रदर्शन?
एपी के मुताबिक यह प्रदर्शन तब शुरू हुए जब एक शख्स ने पुलिस सुरक्षा के तहत स्टॉकहोम में इजरायली दूतावास के बाहर कुरान और यहूदी पवित्र पुस्तक टोरा की एक प्रति जलाने की योजना बनाई. हालांकि, व्यापक आक्रोश के बीच उस व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी योजना छोड़ दी. स्वीडन में सार्वजनिक प्रदर्शन करने का अधिकार मजबूत है और संविधान द्वारा संरक्षित है. 1970 के दशक में ईशनिंदा कानूनों को खत्म कर दिया गया था.


जून में स्टॉकहोम में एक शख्स ने जलाई थी कुरान
इससे पहले जून में एक इराकी ईसाई आप्रवासी ने ईद अल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम मस्जिद के सामने इस्लामी पवित्र पुस्तक के पन्नों को फाड़ दिया और आग लगा दी जिसकी इस्लामी दुनिया में व्यापक निंदा हुई.


कुरान जलाने की इस घटना के विरोध में जून में प्रदर्शनकारियों ने दिन के समय बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर धावा बोल दिया.


इस साल की शुरुआत में तुर्की के दूतावास के बाहर एक धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता द्वारा इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिससे तुर्की को नाटो में शामिल होने के लिए मनाने के स्वीडन के प्रयासों धक्का लगा था.