नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस के बढ़ते वैरिएंट्स (Corona Variants) के खौफ के बीच कई देशों ने जहां कोविड वैक्‍सीन के तीसरे बूस्‍टर डोज (Third Booster Dose) को मंजूरी देनी शुरू कर दी है, वहीं भारत में अब तक इस मामले में कोई घोषणा भी नहीं है. हालांकि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रेसिडेंट साइरस पूनावाला (Cyrus Poonawalla) ने कह दिया है कि कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्‍ड (Covishield) का तीसरा डोज 6 महीने बाद ली जानी चाहिए. साथ ही यह भी कहा है कि इस वैक्‍सीन के 2 डोज के बीच आदर्श अंतराल 2 महीने का होना चाहिए. 


कम होती हैं एंटीबॉडी 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लैंसेट में पब्लिश हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ समय बाद कोविशील्‍ड की कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibodies) कम हो जाती हैं. इस बारे में पूनावाला से पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा, 'यह सच है, लेकिन मेमोरी सेल्‍स बनी रहती हैं.'


बता दें कि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से एसआईआई द्वारा प्रोड्यूस किया गया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का एक वर्जन है. साथ ही कोविशील्ड उन पहले दो टीकों में से एक है जिन्हें भारत सरकार ने इस साल की शुरुआत में इमरजेंसी इस्‍तेमाल की अनुमति दी थी. इसके बाद कोविड को रोकने के लिए चलाए गए देशव्‍यापी टीकाकरण में कोवैक्‍सीन के साथ-साथ कोविशील्‍ड का बड़े पैमाने पर उपयोग हुआ. 


यह भी पढ़ें: PM Kisan: पीएम किसान के तहत मिला पैसा अब लौटना पड़ेगा वापस, सरकार भेज रही है नोटिस


पूनावाला ने लिया तीसरा डोज 


एसआईआई के प्रेसिडेंट साइरस पूनावाला ने आगे कहा, '6 महीने के बाद एंटीबॉडी कम हो जाती हैं, इसलिए मैंने तीसरा डोज ले लिया है. हमने अपने करीब 8 हजार कर्मचारियों को भी तीसरा डोज दे दिया है. जिन लोगों ने अपने 2 डोज कंपलीट कर लिए हैं, मेरा उनसे आग्रह है कि वे 6 महीने बाद एक बूस्टर डोज (तीसरा डोज) जरूर ले लें.'


वहीं वैक्‍सीन के 2 डोज के बीच के आदर्श अंतर को लेकर उन्‍होंने कहा, 'चूंकि वैक्सीन की कमी थी, लिहाजा मोदी सरकार ने इसका अंतर बढ़ाकर 3 महीने कर दिया लेकिन 2 डोज के बीच 2 महीने का अंतर ही आदर्श अंतराल है.'


लॉकडाउन नहीं था प्रभावी तरीका 


वहीं जानलेवा कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने को लेकर पूनावाला ने कहा कि यह इससे निपटने का प्रभावी तरीका नहीं था. उन्‍होंने कहा, 'यदि लॉकडाउन नहीं है, तो शुरुआत में संक्रमण फैलेगा लेकिन बाद में हर्ड इम्‍युनिटी प्रबल होगी. मैं हर्ड इम्‍युनिटी को इसलिए प्राथमिकता दे रहा हूं क्‍योंकि इसमें कोरोना वायरण के कारण हुई मौतों की दर है. लॉकडाउन उस स्थिति में अच्‍छा विकल्‍प है, जब मृत्‍यू दर ज्‍यादा हो.' 


उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में कोविड के कारण लोगों की मौत इसलिए हुई है क्‍योंकि उन्‍होंने संक्रमण की अनदेखी कि या वे डॉक्‍टर के पास देर से पहुंचे.