Nepal Elections: नेपाल में चुनाव के बाद `प्रचंड` के पास सत्ता की चाबी? राष्ट्रपति ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम
Who will be Nepal PM: चूंकि चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा के ऐसे सदस्य को दावा करने के लिए बुलाया है जो दो या अन्य दलों के सहयोग से बहुमत हासिल कर सके जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 76 (2) में लिखा है.
Nepal Politics: नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने देश के सभी राजनीतिक दलों को सरकार बनाने के लिए 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. दूसरी ओर, प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने अपने गठबंधन के सहयोगी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ सत्ता बंटवारे पर चर्चा की. राष्ट्रपति का बुलावा निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट पर आया. इस रिपोर्ट में 20 नवंबर को आयोजित प्रतिनिधि सभा और प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों के निर्वाचन से जुड़े अंतिम नतीजों का जिक्र है.
चूंकि चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा के ऐसे सदस्य को दावा करने के लिए बुलाया है जो दो या अन्य दलों के सहयोग से बहुमत हासिल कर सके जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 76 (2) में लिखा है. दावा करने के लिए 25 दिसंबर शाम पांच बजे तक का समय तय किया गया है. वहीं, सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की और देश का अगला प्रधानमंत्री बनने की कथित तौर पर इच्छा जताई है. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन को आगे ले जाने के तौर तरीकों और नई सरकार के गठन पर चर्चा की.
किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 138 सीट की जरूरत है. लेकिन किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में सीट नहीं है. सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सीट सदन में बहुमत के आंकड़े के आसपास है, लेकिन अब भी इस बारे में फैसला नहीं हुआ है कि मंत्रिमंडल का अगुआई कौन करेगा.
देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस (एनसी) नवंबर में हुए चुनाव में 89 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सहयोगियों ने मिलकर 47 सीट हासिल की हैं. इनमें सीपीएन-माओइस्ट सेंटर (32), सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट (10), लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (4) और राष्ट्रीय जनमोर्चा का एक सदस्य है.
नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने भी सरकार गठन में नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के गठबंधन को समर्थन देने की पेशकश की है. 20 नवंबर को हुए चुनाव में आरएसपी 20 सीट के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी.
नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता प्रकाश शरण महत ने कहा कि प्रचंड ने प्रधानमंत्री देउबा के साथ बैठक में पांच वर्षीय कार्यकाल के शुरूआती ढाई साल के लिए नेपाली कांग्रेस से प्रधानमंत्री बनने के लिए औपचारिक रूप से समर्थन मांगा. नेपाल में 20 नवंबर को हुए चुनाव से पहले गठबंधन बनाते समय, देउबा और प्रचंड ने कथित तौर पर बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने के लिए एक समझौता किया था.
प्रचंड चुनावों से काफी पहले से सार्वजनिक मंचों पर खुद को पीएम दावेदार के तौर पर पेश करते रहे हैं. प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार को बताया कि छठी बार प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल देउबा ने प्रचंड को कोई निश्चित जवाब नहीं दिया. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुआई वाला सीपीएन-यूएमएल और इसके सहयोगी दलों के सदन में 104 सदस्य हैं. कुछ दिन पहले प्रचंड ने कहा था कि अगली सरकार बनाने की कुंजी उनकी पार्टी के पास है.
(इनपुट-पीटीआई)
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं.