भारत की तुलना सीरिया और इराक से? अमेरिका में लोकतंत्र पर बहस करते-करते यह क्या बोल गए राहुल गांधी!
Rahul Gandhi US Visit: राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा कि `हमने चुनाव ऐसे वक्त लड़ा जब हमारे बैंक खातों पर रोक लगा दी गई थी. मैं ऐसा कोई लोकतंत्र नहीं जानता जहां ऐसा हुआ हो. हो सकता है कि इस तरह की चीजें सीरिया या इराक में होती रही हों.`
Rahul Gandhi News: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में लोकतंत्र को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि अब लोकतंत्र फिर से पटरी पर लौट रहा है. गांधी ने मंगलवार को ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारत की तुलना कथित रूप से सीरिया और इराक से कर डाली. राहुल ने कहा, 'हमने चुनाव ऐसे वक्त लड़ा जब हमारे बैंक खातों पर रोक लगा दी गई थी. मैं ऐसा कोई लोकतंत्र नहीं जानता जहां ऐसा हुआ हो. हो सकता है कि इस तरह की चीजें सीरिया या इराक में होती रही हों. चुनाव के समय जब हमने अपने कोषाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने हमें साफ-साफ कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है. अब आपके पास भले एसे मतदाता हैं जिनके विचार बदलते रहते हैं लेकिन आपको चुनाव प्रचार अभियान की जरूरत है. आपको संवाद करते रहना होगा, आपको बैठकें करते रहनी होंगी.'
'खतरे में भारतीय लोकतंत्र'
गांधी ने कहा, 'मैं आपको यह बता सकता हूं कि पिछले वर्षों में भारतीय लोकतंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया गया, अब वह फिर से पटरी पर लौटने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसे नुकसान पहुंचाया गया था.' राहुल ने कहा, 'मैंने देखा है कि किस तरह महाराष्ट्र में हमारी सरकार हमसे छीन ली गई. मैंने ये सब खुद अपनी आंखों से देखा है. मैंने देखा है कि कैसे हमारे विधायकों को खरीद लिया गया और उन्हें फंसा दिया गया और वे अचानक भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के विधायक बन गए. तो इस प्रकार भारतीय लोकतंत्र खतरे में रहा है, इसे बुरी तरह से कमजोर किया गया और अब वह फिर से पटरी पर लौट रहा है. मुझे भरोसा है कि यह फिर से मजबूत होगा.'
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'सबको बराबर मौके नहीं तो वोटर के समझदार होने से फर्क नहीं पड़ेगा'
राहुल ने उल्टा सवाल पूछते हुए कहा, 'अगर आप चुनाव के नतीजों को देखें तो क्या यह आपको भारत में लोकतंत्र के लिहाज से अधिक आशान्वित करता है?' उन्होंने कहा, 'मेरा मतलब है कि उम्मीद तो है लेकिन इतना भर कहना काफी नहीं है कि भारतीय मतदाता अपने विचार बदलते रहते हैं और ज्ञानवान हैं. भारतीय मतदाता एक पूरी ढांचागत प्रक्रिया के तहत सूचना प्राप्त करता है. तो अगर हमारे पास समान अवसर नहीं हों तो मतदाता भले ही समझदार और अपना विचार बदलते रहने वाले हों, इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.'
गांधी ने कहा, 'मेरे खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज हैं. भारतीय इतिहास में मैं अकेला ऐसा व्यक्ति हूं जिसे मानहानि के मामले में जेल की सजा हुई. हमारे यहां एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो अभी जेल में हैं. इसे ऐसे कहें कि भारतीय मतदाता अपना मन बना लेता है तो वह उस पर अडिग रहता है. निश्चित रूप से वे ऐसा करते हैं. लेकिन भारतीय मतदाता को इस पर काम करने के लिए एक ढांचे की जरूरत होती है जो नहीं है.'
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संविधान के बहाने पीएम मोदी पर निशाना
कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, '21वीं सदी में आधुनिक देश के एक प्रधानमंत्री हैं जो लोगों से कहते हैं कि मैं ईश्वर से बात करता हूं. मैं हर किसी से अलग हूं. आप ‘बाइलॉजिकल’ लोग हैं और मैं ‘नॉन बाइलॉजिकल’. मेरा ईश्वर से सीधा संपर्क है. हमारे लिए यह (चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के संबंध में) खेल खत्म होने की तरह था. हम जान गए थे कि हमने प्रधानमंत्री को हरा दिया है.'
उन्होंने कहा, 'और फिर जो सबसे अच्छी बात हुई वो ये कि जब वह (मोदी) लोकसभा में पहुंचे और उन्होंने शपथ ली. उन्होंने संविधान पुस्तिका को अपने हाथ में लिया और उसे अपने माथे से लगाया.' गांधी ने कहा, 'यह एक दिलचस्प विरोधाभास है. एक तरफ वह संविधान को नष्ट कर रहे हैं. वह लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला कर रहे हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता ने उन्हें इसे अपने माथे से लगाने को विवश किया.' (भाषा इनपुट्स)