India-UK Relations: भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद के बीच ब्रिटेन ने शुक्रवार को अपनी स्थिति फिर से दोहराई कि सभी देशों को संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद सरकारी प्रवक्ता ने एक बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की स्थिति की पुष्टि की कि सभी देशों को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के सिद्धांतों सहित संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए.'


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कनाडा ने अपने राजनयिकों को भारत से बाहर भेजा
सुनक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने कनाडा को नई दिल्ली में काम कर रहे अपने राजनयिकों की संख्या घटाने के लिए 10 अक्टूबर की समयसीमा दी है जिसके बाद कनाडा ने अपने ज्यादातर राजनयिकों को कुआलालम्पुर या सिंगापुर भेज दिया है. कनाडा के एक निजी टेलीविजन नेटवर्क ‘सीटीवी न्यूज’ में यह जानकारी दी गई है.


पहले की खबरों में कहा गया कि इन राजनयिकों की संख्या 41 है लेकिन सीटीवी न्यूज के सूत्रों ने बताया कि राजनयिकों की संख्या समान करने के लिए कहा गया है. भारत ने गुरुवार को कहा था कि कनाडा को संख्या में समानता हासिल करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करनी चाहिए और आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक नई दिल्ली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में शामिल हैं. ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या लगभग 60 है और नयी दिल्ली चाहती है कि ओटावा इस संख्या में कम से कम 36 की कमी करे.


भारत-कनाडा रिश्ते बेहद तनावपूर्ण
बता दें कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने संसद में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया हालांकि उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया. इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर चले गए हैं.


भारत ने आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को अपने यहां से निष्कासित कर दिया था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)