भारत ये समझता है, लेकिन अमेरिका QUAD को.... रूस ने USA को सुना दी खरी खरी
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Russsi News: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने क्वाड की आलोचना करते हुए अमेरिका पर इसे सैन्य-राजनीतिक आयाम देने का आरोप लगाया. उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बारे में हमारे भारतीय मित्र अच्छी तरह से वाकिफ हैं.
Russia News: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार (14 जनवरी) को डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यालय संभालने से कुछ दिन पहले यूक्रेन युद्ध को लेकर सतर्क किया. उन्होंने भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के समूह चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (QUAD) पर आरोप लगाते हुए कहा ये एक सैन्य मिशन पर है, जिससे भारत अच्छी तरह से वाकिफ है. साथ ही रूसी विदेश मंत्री ने वाशिंगटन डीसी पर तुर्कस्ट्रीम गैस पाइपलाइन को भी बंद करने की कोशिश का भी आरोप लगाया, जिसके जरिए से रूसी गैस तुर्की और यूरोप तक जाती है.
लावरोव ने मॉस्को में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह सबूत कि लोग ज़मीनी हकीकतों के बारे में ज्यादा बात करना शुरू कर रहे हैं, शायद स्वागत योग्य है." उन्होंने कहा कि उनके "भारतीय मित्र" संयुक्त राज्य अमेरिका की योजनाओं से पूरी तरह अवगत थे. इससे एक दिन पहले रूस ने सोमवार को कहा था कि उसने तुर्कस्ट्रीम के बुनियादी ढांचे के हिस्से पर दागे गए नौ यूक्रेनी ड्रोनों को रोका और मार गिराया है. रूस ने इसे "ऊर्जा आतंकवाद" करार दिया है.
अमेरिका की निरंतर भागीदारी पर संदेह: रूस
उन्होंने ट्रंप पर निशान साधते हुए कहा कि अपने पूरे चुनाव अभियान के दौरान ट्रम्प ने कहा है कि वह युद्ध को जल्द खत्म करेंगे, लेकिन अब वो सीजफायर पर बात तक नहीं कर रहे हैं, जबकि ट्रंप यहां के मौजूदा हालात से पूरी तरह से वाकिफ हैं. लवरोव ने यूक्रेन पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से शांति पहल में सहयोग करने की की इच्छा की भी व्यक्त की. रूस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के द्वारा यूक्रेन को भेजी गई अमेरिकी सैन्य सहायता की आलोचना की और नाटो में अमेरिका की निरंतर भागीदारी के बारे में भी संदेह व्यक्त किया.
एनआईएस पर अमेरिकी प्रतिबंध
लावरोव ने कहा कि रूस सर्बियाई तेल कंपनी एनआईएस के भविष्य पर अपने "सर्बियाई दोस्तों" के साथ बातचीत कर रहा है. इससे पहले, सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक ने शुक्रवार (10 जनवरी) को कहा था कि अमेरिकी बैन के बाद रूस की एक तेल और गैस कंपनी गज़प्रोम नेफ्ट को एनआईएस के स्वामित्व से बाहर निकलने के लिए 45 दिन का वक्त दिया जाएगा. गज़प्रॉम नेफ्ट के पास वर्तमान में एनआईएस में 50 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि गज़प्रोम के पास 6.15 प्रतिशत शेयर हैं. वहीं, 29.87 प्रतिशत शेयर सर्बिया सरकार के पास हैं.