संयुक्त राष्ट्र: रूस ने अपने पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रीपल और उनकी बेटी तक पहुंच मुहैया नहीं कराने को लेकर ब्रिटेन की आलोचना की है और इसे अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन बताया है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के उपराजदूत दमित्री पोलिंस्की ने सोमवार को कहा कि वियना संधि के तहत ब्रिटेन का यह दायित्व है कि वह सर्गेई और उनकी बेटी तक पहुंच मुहैया कराने की अनुमति दे ताकि यह पता चल सके कि वे जीवित हैं या नहीं और उन्हें मॉस्को की मदद की आवश्यकता है या नहीं.


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उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता तो ब्रिटेन को ‘‘दो रूसी नागरिकों को जबरन हिरासत में रखने या उनके अपहरण का’’ जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. सेलिस्बेरी में मार्च 2018 में नर्व एजेंट के कारण स्क्रीपल और उनकी बेटी की तबियत खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ब्रिटेन ने इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया था.


पोलिंस्की ने स्क्रीपल और उनकी बेटी को जहर देने के पीछे मॉस्को का हाथ होने संबंधी आरोपों को सही साबित करने के लिए सबूत मुहैया नहीं कराने को लेकर भी ब्रिटेन की निंदा की. उन्होंने सेलिस्बरी में नर्व एजेंट से किए गए हमले का एक साल पूरा होने के अवसर पर यह बात कही. इस घटना के बाद ब्रिटेन और रूस के बीच तनाव बढ़ गया था. 


इस बीच ब्रिटेन सरकार ने स्क्रीपल और उनकी बेटी की तबियत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहती. उसने कहा कि वियना संधि में ‘‘जेल या हिरासत में बंद या नजरबंद’’ लोगों तक राजनयिक पहुंच की बात की गई है और स्क्रीपल एवं उनकी बेटी नजरबंद नहीं है.


(इनपुट- भाषा)