Russian weapons: इस देश ने घातक लेजर हथियार का किया टेस्ट, सेटेलाइट को देता है चकमा
Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस में चल रहे जंग के बीच एक नए लेजर हथियार का परीक्षण किया गया है. हथियार का सफल टेस्ट रूस ने किया है. उसका दावा है कि यह लक्ष्य पर निशाना साधते समय सेटेलाइट (Satellite) को निष्क्रिय कर सकता है.
Russia New Laser Weapon: यूक्रेन और रूस के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है. रूस के हमले के विरोध में जहां दुनिया के अधिकतर देश उस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. वहीं, रूस भी झूकने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच रूस ने दावा किया है कि उसने एक ऐसे लेजर वेपन का सफल परीक्षण किया है, जो सेटेलाइट के भी पकड़ में नहीं आता.
ड्रोन को किया नष्ट
'डेली स्टार' में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रूस के उप प्रधान मंत्री का कहना है कि रूसी सेना ने एक भयानक नए लेजर हथियार (Laser Weapon) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो रेडिएशन (Radiation) का इस्तेमाल करके सेटेलाइट्स को 'अंधा' कर सकता है. डिप्टी पीएम यूरी बोरिसोव ने दावा किया कि पेर्सेवेट हथियार प्रणाली ने परीक्षण के दौरान 3 मील (5 किमी) दूर से एक ड्रोन (Drone) को नष्ट कर दिया.
सेटेलाइट को कर सकता है निष्क्रिय
उन्होंने कहा कि यह उन सेटेलाइट को निष्क्रिय कर सकता है, जो 932 मील (1,500 किमी) ऊंचाई पर मौजूद हैं. इस सिस्टम पहले से ही तैनात किया जा रहा है. इसका नाम रूसी रूढ़िवादी भिक्षु अलेक्जेंडर पेरेसवेट के नाम पर रखा गया है, जो 1380 में कुलिकोवो की लड़ाई की शुरुआत में युद्ध में मारे गए थे.
सैनिकों को की जा रही आपूर्ति
बोरिसोव, जिन्हें व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रूसी सैन्य विकास का प्रभारी बनाया है. उन्होंने कहा कि इसकी पहले से ही सैनिकों को बड़े पैमाने पर आपूर्ति की जा रही है. यह 1,500 किमी तक दुश्मन की सभी सेटेलाइट टोही प्रणालियों को अंधा कर सकता है, लेजर रेडिएशन के इस्तेमाल के कारण उड़ान के दौरान उन्हें अक्षम कर सकता है. यह मुख्य रूप से एक लेजर हथियार है, एक विद्युत चुम्बकीय वाइडबैंड हथियार, जो अगले दशक में पारंपरिक हथियार को बदल देगा.
रूस का दावा पड़ सकता है भारी
पश्चिमी देशों का मानना है कि यदि बोरिसोव का कहना सही है, तो चल रहे युद्ध के बीच पेरेसवेट यूक्रेन (Ukraine) के लिए परेशानी भरा साबित हो सकता है, क्योंकि यूक्रेनी सेना (Ukrainian Army) रूसी तोपखाने की स्थिति को लक्षित करने के लिए ड्रोन का उपयोग करती है. इस बात की भी आशंका है कि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम रूस की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) की स्थिति की निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अमेरिकी उपग्रहों को निशाना बना सकता है.
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