Russia Ukraine War Latest Updates: रूस और यूक्रेन के बीच खतरनाक जंग (Russia Ukraine War) अब भी जारी है. युद्ध के 7 महीने बीतने के बाद भी दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है. यूक्रेनी सेना के हाथों अपने कब्जाए हुए कई शहर गंवा चुके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब दोबारा से सेना को संगठित कर यूक्रेन पर हमला तेज करने का फैसला लिया है. इसके लिए 3 लाख रिजर्व सैनिकों को युद्ध के लिए बुलाया जा रहा है. पुतिन के इस ऐलान से रूस के लोग परेशान हैं और वे युद्ध में भाग नहीं लेना चाहते. हालांकि उनके सामने आदेश न मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.


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अपना स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं पुरुष


अनिच्छा के बावजूद 18 से 65 साल तक के लोग अब युद्ध पर जाने के लिए रूसी (Russia) सेना की यूनिटों में रिपोर्ट कर रहे हैं. उनमें से बहुतेरे युवक ऐसे हैं, जिनकी अभी शादी नहीं हुई है. कई ऐसे भी हैं, जिनकी शादी तो हो गई है लेकिन कोई बच्चा नहीं. ऐसे में युद्ध पर जा रहे पुरुषों को डर सता रहा है कि अगर वे युद्ध से वापस लौटकर न आ सके तो उनके परिवार का क्या होगा. उनकी वंशावली आगे कैसे बढ़ेगी. इसी डर ने रूसी पुरुषों के मन में इन दिनों चिंता और तनाव बढ़ा रखा है. अपनी वंशावली आगे बढ़ाने के लिए अब युद्ध पर जा रहे रूसी पुरुष अब आईवीएफ सेंटर्स पर अपने शुक्राणु फ्रीज (Sperm Freezing) करवा रहे हैं. जिससे अगर उन्हें जंग में कुछ हो जाए तो उनकी पत्नी उन शुक्राणु का इस्तेमाल कर मां बन सके. 


3 से 4 गुणा बढ़ गई लोगों की तादाद


डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध में जाने की तैयारी कर रहे बहुत सारे रूसी (Russia) युवक अपने स्पर्म को फ्रीज (Sperm Freezing) करवाने के लिए रिक्वेस्ट कर रहे हैं. सामान्य दिनों में एक छोटे आईवीएफ सेंटर पर 2-3 पुरुष अपने शुक्राणु फ्रीज करवाने आते थे. लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर 7-8 हो गई है. सेंट पीटर्सबर्ग मेडिकल सेंटर के प्रवक्ता के मुताबिक स्पर्म फ्रीज करवाने के लिए क्लीनिक आ रहे पुरुषों के लिए उन्होंने 10 प्रतिशत छूट का ऑफर शुरू किया है. हालांकि इसका फायदा केवल उन्हीं पुरुषों को दिया जाएगा, जो सेना में भर्ती होने के लिए जा रहे हैं. 


रूस में लागू है अनिवार्य सेवा कानून 


बताते चलें कि रूस (Russia) में अनिवार्य सैन्य सेवा का कानून लागू है. जिसके तहत 18 साल से ऊपर के लिए प्रत्येक युवा के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग और 2 साल की सेवा करना अनिवार्य है. ऐसी ट्रेनिंग करने वालों को वहां रिजर्विस्ट सोल्जर कहा जाता है. दो साल की अनिवार्य सेवा के बाद लोग अपनी सामान्य जिंदगी में लौट जाते हैं. हालांकि रूसी सरकार जब चाहे उन्हें अनिवार्य ड्यूटी पर वापस बुला सकती है. रूस ने इस प्रकार के 20 लाख रिजर्विस्ट सैनिक तैयार कर रखे हैं. ये रेग्युलर सैनिकों से अलग होते हैं. अब इन्हीं में से 3 लाख रिजर्विस्ट सैनिकों को यूक्रेन से लड़ने के लिए ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. जिससे रूस में अफरा-तफरी मची है.


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