US to Transfer Seized Iranian Weapons to Ukraine: पिछले करीब पौने 2 साल से चल रहे रूस- यूक्रेन युद्ध में अमेरिका समेत पश्चिमी देश भी एक पक्ष बने हुए हैं. वे किसी भी हाल में रूस को इस युद्ध में जीतते हुए नहीं देखना चाहते. अब अमेरिका ने ऐसी चाल चली है कि रूस समेत चीन और भौंचक्के रह गए हैं. उसने यूक्रेन को एक बार फिर बड़ी मात्रा में गोला बारूद सप्लाई किया है लेकिन ये हथियार वह अपने शस्त्रागार से नहीं दिए बल्कि इसका इंतजाम कहीं ओर से बिना पैसों में किया गया है. 


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यूक्रेन को देगा ईरान से जब्त किए गए हथियार


सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका अपने दुश्मन ईरान (Iranian Weapons) से जब्त किए गए हजारों हथियारों और गोला-बारूद को यूक्रेन को ट्रांसफर करेगा. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य यूक्रेनी सेना (Ukraine) के सामने आ रही हथियारों की गंभीर कमी को कम करने में मदद करना है. यूएस अफसरों के अनुसार इस मदद से यूक्रेन को रूसी आक्रामकता से निपटने में मदद मिलेगी. बाइडेन प्रशासन की इस घोषणा के साथ ही अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने पहले ही जब्त किए गए दस लाख से अधिक ईरानी गोला-बारूद यूक्रेनी सेना को ट्रांसफर कर दिए. 


वर्ष 2022 में अरब सागर में पकड़ा था ईरानी जहाज


अमेरिकी सरकार ने एक बयान में कहा, सरकार ने ईरान (Iranian Weapons) के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के खिलाफ न्याय विभाग में कानूनी लड़ाई लड़ी थी. उस मुकदमे में जीत के बाद यूएस ने 20 जुलाई, 2023 को इन हथियारों का स्वामित्व प्राप्त कर लिया था. इसके साथ ही ईरान के दस लाख से ज्यादा गोलियां, रॉकेट लॉन्चर, ग्रेनेड और राइफलों को जब्त किया था. इन हथियारों को अमेरिकी नेवी ने उस वक्त जब्त किया था, जब एक ईरानी जहाज 19 दिसंबर 2022 को उन्हें लेकर  यमन की ओर जा रहा था.


बाइडेन प्रशासन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन करके ईरान (Iranian Weapons) इन हथियारों को गैर-कानूनी तरीके से यमन को हाउथी विद्रोहियों को ट्रांसफर कर रहा था. जिसे खुफिया सूचना मिलने के बाद अमेरिकी नेवी ने छापा मारकर जब्त कर लिया. बाइडेन प्रशासन पिछले कई महीनों से इस बात पर विचार कर रहा था कि इन हथियारों को कानूनी रूप से यूक्रेन कैसे भेजा जाए.


'अमेरिका अपने साझेदारों के साथ खड़ा रहेगा'


इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भाषण देते हुए कहा था कि अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों की संप्रभुता और उनकी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए यूक्रेन (Ukraine) के बहादुर लोगों के साथ खड़ा रहेगा. 


बाइडेन ने अपने भाषण में कहा था, 'रूस (Russia) का मानना ​​​​है कि दुनिया थक जाएगी और उसे परिणाम के बिना यूक्रेन पर क्रूरता करने की अनुमति देगी. लेकिन मैं आपसे यह पूछता हूं कि अगर हम एक हमलावर को खुश करने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों को छोड़ देते हैं, तो क्या कोई सदस्य देश अपने यह महसूस कर सकता है कि वे सुरक्षित हैं.'


'हमें रूस के खिलाफ खड़ा होना ही पड़ेगा'


रूस (Russia) को एक सख्त संदेश देते हुए बाइडेन ने अपने विश्व नेताओं से यूक्रेन के समर्थन में आगे आने का भी आह्वान किया. बाइडेन ने कहा था, 'अगर हम रूस को यूक्रेन को विभाजित करने की अनुमति देते हैं, तो क्या किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता सुरक्षित है? जवाब नहीं है. हमें इस नंगी आक्रामकता के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, जिससे कल को कोई दूसरा राष्ट्र इस तरह की हिम्मत न कर पाए.' 


(एजेंसी ANI)