S Jaishankar: UNSC को जयशंकर ने बताया `क्लब`, बोले- कंट्रोल अपने पास रखना चाहते हैं पुराने मेंबर
India at UNSC: बेंगलुरु में रविवार को रोटरी इंस्टिट्यूट 2023 समारोह में जयशंकर ने कहा, `क्लब` के सदस्य अपने कामकाज पर सवाल उठने देना नहीं चाहते. जयशंकर ने कहा, `सिक्योरिटी काउंसिल एक पुराने क्लब जैसा है, जहां सदस्य देश अपनी पकड़ ढीली होने देना नहीं चाहते.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यों की लिस्ट में लंबे वक्त से भारत को शामिल करने की मांग हो रही है. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं गया है. अब UNSC को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तंज कसा है. जयशंकर ने कहा कि UNSC एक पुराने क्लब जैसा है, जहां सदस्य देश नए सदस्यों को शामिल करना नहीं चाहते. उनको डर है कि उनकी पकड़ ढीली ना पड़ जाए.
बेंगलुरु में रविवार को रोटरी इंस्टिट्यूट 2023 समारोह में जयशंकर ने कहा, 'क्लब' के सदस्य अपने कामकाज पर सवाल उठने देना नहीं चाहते. जयशंकर ने कहा, 'सिक्योरिटी काउंसिल एक पुराने क्लब जैसा है, जहां सदस्य देश अपनी पकड़ ढीली होने देना नहीं चाहते. वह क्लब का कंट्रोल अपने पास रखना चाहते हैं. वे नहीं चाहते कि नया कोई सदस्य जुड़े और उनके कामकाज पर सवाल उठाए.'
'कम हो रहा यूएन का प्रभाव'
इसको नाकामी बताते हुए जयशंकर ने कहा कि बिना किसी सुधार के यूएन कम प्रभावी होता जा रहा है. उन्होंने कहा, 'एक तरह से यह इंसानी फेलियर है. लेकिन मैं मानता हूं कि यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है. यह दुनिया को नुकसान इसलिए पहुंचा रहा है क्योंकि जो समस्याएं दुनिया के सामने हैं, उनको लेकर यूएन कम प्रभावी होता जा रहा है.'
'ज्यादातर देश चाहते हैं सुधार'
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में दुनिया के विभिन्न देशों की सुधार की मांग पर भी विदेश मंत्री ने राय रखी. उन्होंने कहा, 'मैं वैश्विक विचार में यह भी कहना चाहूंगा कि अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछेंगे कि क्या उनको सुधार चाहिए तो ज्यादातर देश हां में ही जवाब देंगे.' इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूएनएससी के ढांचे में सुधार की मांग के विरोध के कारण यह संस्था कालभ्रमित होती जा रही है. इस कारण लोग बाहर समाधान ढूंढने लग जाएंगे.
जयशंकर ने कहा, मैंने किसी जगह यूएनएससी की तुलना पैसेंजर बस से कर दी थी, जहां एक शख्स सीट पर बैठा है और दूसरे के लिए जगह खाली नहीं कर रहा है. यहां ये 5 देश बैठे हैं. कभी आप किसी ऐसे पैसेंजर को देखते हैं, जो थका हुआ है या जिसकी गोद में बच्चा है तो ये लोग उठकर अपनी सीट उसे नहीं देंगे.