Israel-Hamas War​: गाजा पर इजरायल-हमास की जंग की लपटें लेबनान और ईरान तक पहुंचने के बीच मिडिल ईस्‍ट के मुस्लिम जगत में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला है. मुद्दत से इस क्षेत्र में अपने वर्चस्‍व की लड़ाई के लिए संघर्षरत शिया मुल्‍क ईरान और सुन्‍नी मुल्‍क सऊदी अरब एक-दूसरे के करीब आते दिख रहे हैं. इसी सिलसिले में सऊदी सशस्त्र बलों के जनरल चीफ ऑफ स्टाफ फय्याद अल-रुवैली ने तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष के साथ बातचीत की. यह मुलाकात पिछले वर्ष दोनों क्षेत्रीय शक्तियों के बीच राजनयिक संबंधों बहाल होने के बाद रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. 


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ईरानी मीडिया के मुताबिक दोनों अधिकारियों के बीच फिलिस्तीन मुद्दे पर भी चर्चा की गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया कि अल-रुवैली ने सैन्य सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर विचार करने के लिए ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाकरी से मुलाकात की.


मुलाकात के दौरान, बाकरी ने सऊदी नेवल फोर्सेच को अगले साल होने वाले ईरानी समुद्री अभ्यास में सक्रिय भागीदार या पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने का निमंत्रण दिया. फ़ार्स ने बाकरे के हवाले से कहा, "हमारे सशस्त्र बलों के बीच इस तरह के दौरों का आदान-प्रदान मौजूदा हालात में क्षेत्र और मुस्लिम दुनिया के लिए खास अहमियत रखता है."


अल-रुवैली, एक उच्च स्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए रविवार को तेहरान पहुंचे थे. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. दोनों अधिकारियों ने मुस्लिम देशों के बीच क्षेत्रीय एकता को बढ़ावा देने में अपने देशों की प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया. फार्स के अनुसार, बातचीत के दौरान फ़िलिस्तीन मुद्दे पर भी चर्चा की गई.


यह उच्च स्तरीय सैन्य भागीदारी अप्रैल 2023 में सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बीजिंग की मध्यस्था से बहाली के बाद हुई. रियाद ने 2016 में तेहरान के साथ संबंध तोड़ लिए थे, जब ईरानी प्रदर्शनकारियों ने सऊदी राजनयिक मिशनों पर हमला किया था. प्रदर्शनकारी सऊदी अरब द्वारा एक शिया मौलवी को फांसी दिए जाने से नाराज थे.


(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)