UP Politics: संविधान बचाओ का नारा देने वाली समाजवादी पार्टी का आने वाले समय में नया राजनीतिक रंग देखने को मिल सकता है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजरें दलित वोटरों को साधने पर हैं.
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UP Politics: लोकसभा चुनाव में पीडीए फॉर्मूले से मिली जीत से गदगद समाजवादी पार्टी की आने वाले समय में राजनीतिक स्टाइल बदली हुई दिखाई देने वाली है. पार्टी इस रणनीति पर जल्द ही अमलीजामा पहनाएगी. सपा PDA कि हर जाति के महापुरुषों को भी चर्चा में लाएगी. दलितों वोटर्स को लुभाने के लिए मास्टरस्ट्रोक चला है. संविधान और आंबेडकर का मुद्दा पहले से पार्टी जोरशोर से उठा रही है.
दलित वोटरों पर नजरें
सपी की नजरें दलित वोटरों पर हैं. बसपा के खिसकते जनधार में बड़ी सेंधमारी के साथ बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाना चाहती है. लोकसभा चुनाव में पीडीए नैरेटिव असरदार साबित हुआ है. सपा के 8 दलित चेहरे जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. इनमें से कई ऐसी रहीं जो बीजेपी की गढ़ कही जाती थीं. सबसे चर्चित अयोध्या का रिजल्ट रहा. जहां बीजेपी की हार ने हर किसी को हैरान किया था. यहां सपा के दलित चेहरे अवधेश प्रसाद जीते थे.
बीजेपी पर अखिलेश हमलावर
सपा प्रमुख संविधान को लेकर बीजेपी सरकार पर लगातार हमला बोलते हैं. बीते दिन सपा मुख्यालय पर भी उन्होंने बीजेपी पर तीखे सियासी तीर चलाए. उनका कहना है कि बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन बाबा साहब का संविधान बदलना चाहते हैं. बीजेपी जितनी ताकतवर होगी, उतना ही संविधान पर वह हमला करेगी. देश की अखंडता के लिए आंबेडकर के बताए रास्ते पर चलना होगा. आगे कहा कि संविधान पीडीए की ताकत है. सपा इसको बचाने के लिए लड़ाई लड़ रही है.
पीडीए चर्चा का आयोजन
सपा ने 26 दिसंबर यानी आज से सेक्टरवार पीडीए चर्चा आयोजन का दांव चला है. जिसमें लोगों को संविधान को बचाने की शपथ दिलाई जाएगी और बाबा साहब के विचारों को पहुंचाया जाएगा. एक महीने का यह प्रोग्राम 25 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले तक चलेगा. इसमें पार्टी कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. सामाजिक न्याय, आरक्षण, बेरोजगारी, महंगाई, जातीय जनगणना और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होगी.
महापुरुषों की जयंती पर प्रोग्राम
यही नहीं सपा ने प्लान बनाया है कि वह पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर विधानसभा कार्यक्रम आयोजित करेगी. पार्टी नेता-पदाधिकारियों को इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक कश्यप और पासी समेत सभी जातियों के महापुरुषों के बारे में लिखित सामग्री एकत्र की जा रही है.
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