Saudi Arabian Government Guidelines on Ramadan 2023: मुसलमानों का पवित्र माना जाना वाला रमजान का महीना इस साल 23 मार्च से शुरू हो रहा है. इसे लेकर देश-दुनिया के मुसलमान अपनी तैयारियों में जुटे हैं. वहीं मुस्लिम दुनिया को रेग्युलेट करने वाले सऊदी अरब ने रमजान से जुड़े कई ऐसे नियम जारी किए हैं, जिससे मुस्लिम उम्मा भड़क गई हैं. उन्होंने इन नियमों को इस्लाम की बुनियाद कमजोर करने वाला बताते हुए वापस लेने की मांग की है. लेकिन सऊदी अरब ने इससे साफ इनकार कर दिया है और उन्हें इस्लाम के हित में करार दिया है. 


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सरकार ने जारी की गाइडलाइन


सऊदी अरब (Saudi Arabian Government) के इस्लामिक मामलों के मंत्री शेख डॉ अब्दुल लतीफ बिन अब्दुल अजीज की ओर से जारी 10 सूत्रीय गाइडलाइन के मुताबिक रमजान (Ramadan 2023) के दौरान मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकेगा. कोई भी व्यक्ति नमाज का सोशल मीडिया या टीवी पर प्रसारण नहीं करेगा. जब तक रमजान चलेगा, तब तक मस्जिदों में कोई भी इफ्तार नहीं होगा. रमजान के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों को मस्जिद में नहीं लेकर आएगा, जिससे नमाजियों की इबादत में खलल न पड़े. 


बिना आई कार्ड मस्जिद में प्रवेश नहीं


सरकार ने यह भी निर्देश (Saudi Arabian Government) दिया है कि एतफाक के दौरान कोई भी व्यक्ति बिना आईडी के मस्जिद में प्रवेश नहीं करेगा. एतकाफ असल में एक इस्लामिक प्रथा होती है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के आखिरी 10 दिनों में अल्लाह की इबादत करने के लिए मस्जिद में खुद को अलग कर लेते हैं. सऊदी अरब के मंत्रालय ने इफ्तार के आयोजन के लिए चंदा जुटाने पर भी पाबंदी लगा दी है.


इफ्तारी के लिए चंदा वसूली पर बैन


सरकार की गाइडलाइन (Saudi Arabian Government) में कहा गया है कि मस्जिदों के इमाम रमजान खत्म होने तक मस्जिदों को छोड़ नहीं सकते हैं. अगर कोई मस्जिद में इफ्तारी करना चाहता है तो वह परिसर के बाहरी अहाते में ही इसका आयोजन कर सकेगा और वहां पर व्यवस्था बनाए रखने की सारी जिम्मेदारी इमाम की होगी. इस इफ्तारी के लिए किसी भी तरह का चंदा लोगों से नहीं वसूला जा सकेगा. 


दुनिया भर के मुसलमान भड़के 


सऊदी अरब के इन दिशा- निर्देशों (Saudi Arabian Government Guidelines on Ramadan 2023) पर दुनियाभर के मुसलमान भड़क गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इन कदमों के जरिए पब्लिक लाइफ में इस्लाम के प्रभाव को कम करना चाहते हैं. उन्होंने इन निर्देशों को मनमाना और इस्लाम की शान घटाने वाला करार दिया है. मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि सऊदी अरब को इन निर्देशों को तुरंत वापस लेना चाहिए. हालांकि सऊदी सरकार ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है.


देश को आधुनिक बनाने की कोशिश


बताते चलें कि सऊदी अरब (Saudi Arab) समेत खाड़ी देशों में तेल का भंडार वर्ष 2050 तक पूरी तरह खत्म हो जाने की आशंका हैं. ऐसे में मोहम्मद बिन सलमान अपने देश की अर्थव्यवस्था को डाइवर्सिफाई करने के लिए 'विजन 2030' पर काम कर रहे हैं. इसके तहत सऊदी अरब को बिजनेस के लिए सिंगापुर की तर्ज पर दुनिया की एक हॉट लोकेशन के लिए रूप में तब्दील करना है. यही वजह है कि वे देश में कट्टरपंथी मुस्लिम परंपराओं में लगातार बदलाव करने में जुटे हैं, जिससे वहां के कट्टरपंथी बेहद नाराज हैं. 


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