नई दिल्लीः स्कॉटलैंड (Scotland) दुनिया का पहला ऐसा देश बन चुका है जहां पीरियड्स से संबंधित सभी प्रोडक्ट्स का वितरण मुफ्त कर दिया गया है. स्कॉटिश पार्लियामेंट ने पीरियड्स प्रोडक्ट्स को लेकर एक बिल पास किया है. देश में पीरियड प्रॉडक्ट (फ्री प्रोविजन) (स्कॉटलैंड) एक्ट पारित कर दिया गया है. इसके तहत हर उम्र की महिलाओं को फ्री में सैनिटरी पैड मिलेगा. 


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लंबे समय से चल रहा था कैंपेन
पीरियड प्रोडक्ट्स (Free Provision) (Scotland) एक्ट के तहत, स्थानीय प्रशासन को पीरियड प्रॉडक्ट्स को मुफ्त में उपलब्ध कराना होगा. जल्द ही स्कॉटलैंड सरकार एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें सभी स्थानीय अधिकारियों पर एक कानूनी ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि वे जरूरतमंद महिलाओं के लिए टैंपॉन और पैड जैसी सामग्री फ्री में उपलब्ध करा सकें. यह विधेयक स्कॉटिश संसद सदस्य मोनिका लेनन (Monica Lennon) द्वारा पेश किया गया, जो 2016 के बाद से पीरियड्स पॉवर्टी (Period Poverty) को समाप्त करने के लिए अभियान चला रही हैं. बिल पास होने के बाद उन्होंने सभी को धन्यवाद किया.



इन जगहों पर फ्री में मिलेंगे सैनिटरी पैड्स 
स्कॉटिश सरकार की साल 2022 तक देश के सभी कम्युनिटी सेंटर्स, यूथ क्लब्स और फार्मेसियों सहित लगभग सभी सार्वजनिक स्थानों पर सैनिटरी पैड और टैंपॉन को फ्री में देने की योजना है. फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, यहां के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रशासन को भी छात्रओं के लिए फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. 


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स्कॉरलैंड में Period Poverty का अंत
सैनिटरी पैड्स के लिए चलाए गए अभियान का नेतृत्व करने वाली स्कॉटिश लेबर की स्वास्थ्य प्रवक्ता मोनिका लेनन ने इसे स्कॉटलैंड के लिए गर्व का दिन बताया है. उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा है, 'यह उन महिलाओं और लड़कियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा जिन्हें पीरियड होते हैं. सामुदायिक स्तर पर पहले ही काफी विकास हुआ है और स्थानिय प्रशासन के जरिए हर किसी को पीरियड में सम्मान मिल सकेगा.' उनके कैंपेन का मकसद "पीरियड गरीबी" को समाप्त करना है, यह सुनिश्चित करके कि सभी के पास बुनियादी सैनिटरी उत्पाद उपलब्ध हों. उन्होंने इस बिल के पास होने के बाद तमाम ट्वीट्स किए हैं. 



लेनन ने बताया बड़ा बदलाव
लेनन का कहना है कि अब सार्वजनिक जीवन में जैसे पीरियड्स पर चर्चा होती है, यह एक बड़ा बदलाव है. कुछ साल पहले तक होलीरुड चेंबर में खुले तौर पर पीरियड पर बात नहीं होती थी और अब यह मुख्यधारा में है.' चैरिटी संस्थाओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान बेसिक सैनिटरी प्रॉडक्ट्स खरीदने की क्षमता गिरी है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि 2018 में ही स्कॉटलैंड सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त में महिलाओं को (free feminine hygiene) सुरक्षित प्रोडक्ट्स  प्रदान करने वाला पहला देश बन गया. हालांकि, अब संसद में बिल पास होने के बाद यहां की हर महिला को फ्री में पैड्स मिल सकेगा.