Russia America Tension: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यूक्रेन के मुद्दे पर ‘रेड लाइन’ पार न की जाए. यह बयान रूस की सरकारी समाचार एजेंसी 'टीएएसएस' (TASS) द्वारा बुधवार को जारी एक साक्षात्कार में आया है. लावरोव ने अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जा रही हथियारों की आपूर्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे रूस के लिए एक गंभीर खतरा बताया है.


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यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति


लावरोव ने अपने साक्षात्कार में अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने यूक्रेन को भारी हथियारों की आपूर्ति करके रूस के साथ बने आपसी संयम की सीमा को पार कर लिया है. लावरोव के अनुसार, यह 'लक्ष्मण रेखा' (रेड लाइन) ऐसी नहीं है, जिससे कोई खिलवाड़ कर सके. उन्होंने कहा कि अमेरिका को पूरी तरह से यह समझ लेना चाहिए कि वे कहां पर हैं और कौन सी सीमाएं रूस के लिए अस्वीकार्य हैं. लावरोव ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह कदम रूस और अमेरिका के बीच गंभीर तनाव को बढ़ावा दे सकता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.


वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरनाक..


लावरोव ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा, “उन्हें यह समझना चाहिए कि हमारी ‘लक्ष्मण रेखा’ बेहद स्पष्ट और अडिग हैं. इन सीमाओं को पार करना बेहद खतरनाक हो सकता है. यह न केवल रूस-अमेरिका संबंधों के लिए बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरनाक है.”


आपसी संयम खोने की आशंका


लावरोव ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका अब रूस के प्रति "आपसी संयम" की भावना खोने लगा है. उनके अनुसार, अमेरिका के इस रवैये ने रूस के लिए गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. उन्होंने कहा, "अमेरिका द्वारा यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और लगातार सैन्य समर्थन ने रूस के साथ उसके संबंधों को और भी अधिक तनावपूर्ण बना दिया है."


कड़े कदम उठाने को तैयार..


लावरोव ने इसे एक "खतरनाक स्थिति" करार दिया है और कहा कि अगर अमेरिका इस दिशा में आगे बढ़ता है, तो इसका असर वैश्विक स्थिरता पर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि रूस अपने हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने को तैयार है. अगर अमेरिका अपने वर्तमान रुख से पीछे नहीं हटता.


यूक्रेन संकट और बढ़ते तनाव


यूक्रेन में जारी संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव को और अधिक बढ़ा दिया है. 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को व्यापक सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे रूस की नाराजगी बढ़ी है. विशेष रूप से अमेरिका ने यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरण शामिल हैं. रूस ने इसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए एक गंभीर खतरा माना है. लावरोव का बयान इस बढ़ते तनाव का संकेत है, जहां रूस ने स्पष्ट रूप से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि वे इस संघर्ष में और अधिक हस्तक्षेप न करें.


क्या हो सकते हैं इसके नतीजे?


लावरोव का यह बयान न केवल रूस-अमेरिका संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरनाक संकेत है. रूस और अमेरिका दोनों परमाणु शक्तियाँ हैं, और अगर इस तरह के भू-राजनीतिक तनाव जारी रहते हैं, तो इसका असर वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और शांति पर भी पड़ सकता है.


रूस पहले भी स्पष्ट कर चुका है..


रूस ने पहले भी यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है. अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को सैन्य समर्थन जारी रखते हैं, तो यह तनाव और भी अधिक बढ़ सकता है. लावरोव का यह बयान एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में रूस और पश्चिमी देशों के बीच और अधिक टकराव की ओर इशारा कर सकता है.


यूक्रेन के मुद्दे पर 'रेड लाइन' पार न करें..


रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का यह बयान स्पष्ट रूप से अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक चेतावनी है कि वे यूक्रेन के मुद्दे पर 'रेड लाइन' पार न करें. यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और रूस के साथ बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के संबंधों को बेहद संवेदनशील स्थिति में ला दिया है. यदि यह तनाव जारी रहता है, तो इसका असर न केवल रूस और अमेरिका पर, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी पड़ सकता है.