जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के एक मंदिर से हिंदू देवी शक्ति की करीब एक सदी पुरानी चांदी की प्रतिमा चोरी हो गई है जिसे भारत से आए गिरमिटिया मजदूर अपने साथ लाए थे. प्रतिमा के साथ-साथ मंदिर का अन्य सामान भी चोरी हुआ है. समुदाय के लोग ऐतिहासिक प्रतिमा के चोरी होने से दुखी हैं.


इसी शहर में पहली पहुंचे थे गिरमिटिया मजदूर


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डरबन में बसे भारतीय उपनगर इसिपिंगो हिल्स स्थित अरुप्ता मंदिर से चोरी गए सामान में ठोस चांदी से बनी प्रतिमा भी है. इसी शहर में 1860 में पहली बार गिरमिटिया भारतीय मजदूर नाव से उतरे थे. मंदिर की न्यासी उमेला मूडले ने बताया कि उनके दादा मुरुगसा कूपसामी नायकर इस प्रतिमा को शुरुआत में डरबन के अन्य उपनगर चेयरवुड में अपने घर में बने निजी मंदिर में रखते थे लेकिन उनके निधन के बाद इस प्रतिमा को मंदिर को दान कर दिया गया था.


तालों को तोड़कर ले गए सारा सामान


मूडले ने बताया कि चोर खिड़की के रास्ते मंदिर में दाखिल हुए जहां पर पुजारी के रहने का स्थान भी था. उन्होंने बताया, 'इस समय पुजारी वहां नहीं रहते, इसलिए कमरा खाली था. संदिग्ध सभी तालों को तोड़ मंदिर में दाखिल हुए और पांच से अधिक प्रतिमाओं और हमारे सभी दीपकों को चुरा ले गए.'


सन् 1900 में भारत से ले जाई गई थी प्रतिमा


मूडले ने बताया, 'वे पीतल से बना सारा सामान ले गए. चोरी की जानकारी अगले दिन मंदिर की देखरेख करने वाले ने दी. इन सामानों की चोरी से लगता है कि हमारा मंदिर एक रात में ही नष्ट हो गया.' उन्होंने बताया कि उनके दादा वर्ष 1886 में भारत से आए थे और मजदूरी का करार खत्म होने के बाद सफल बिल्डर बन गए थे. वह 1900 में दोबारा दक्षिण भारत स्थित अपने गांव गए और वहां से प्रतिमा लेकर आए. पुलिस प्रवक्ता कर्नल थेम्बका म्ब्ले ने चोरी की पुष्टि की है और कहा कि मामले की जांच की जा रही है.