South Korea Martial Law: पूर्व रक्षा मंत्री ने की अंडरवियर से सुसाइड की कोशिश, प्रेजीडेंट ऑफिस में पुलिस का छापा
South Korea Martial Law: किम योंग-ह्यून तीन दिसंबर को मार्शल लॉ के आदेश के बाद गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति हैं. मॉर्शल लॉ हटने के बाद पिछले गुरुवार को किम ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
World News in Hindi: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को मार्शल लॉ की सलाह देने वाले पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने हिरासत में सुसाइड करने का प्रयास किया. पुलिस के मुताबिक किम को मंगलवार रात 11:52 बजे पूर्वी सोल में डोंगबू हिरासत केंद्र के बाथरूम में इनरवियर से बनाई गई रस्सी से खुद को फांसी लगाने की कोशिश करते हुए पाया गया. उन्हें तुरंत नियंत्रण में लिया गया. पुलिस ने बयान देते हुए कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून ने आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन उन्हें बचा लिया गया और उनकी हालत स्थिर है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
कोरिया सुधार सेवा के कमिश्नर जनरल शिन योंग हे ने बुधवार को सांसदों को बताया कि किम ने सियोल के एक हिरासत केंद्र में आत्महत्या करने की कोशिश की हालांकि उन्हें बचा लिया गया और अब उनकी हालत स्थिर है. सियोल की एक अदालत ने विद्रोह में अहम भूमिका निभाने और सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप में किम के खिलाफ वारंट जारी किया था जिसके बाद बुधवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया. किम तीन दिसंबर को मार्शल लॉ के आदेश के बाद गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति हैं. मॉर्शल लॉ हटने के बाद पिछले गुरुवार को किम ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपति कार्यालय में पुलिस का छापा
इस बीच राष्ट्रपति यून सूक योल द्वारा देश में मार्शल लॉ लागू करने के एक हफ्ते बाद पुलिस ने बुधवार को राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा. बताया जा रहा है कि जब छापेमारी हुई तो यून राष्ट्रपति कार्यालय भवन में मौजूद नहीं थे. योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक पुलिस पिछले हफ्ते छह घंटे तक मार्शल लॉ लागू करने से संबंधित सामग्री इकट्ठा करने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय पहुंची थी. पुलिस ने बताया कि सोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस और नेशनल असेंबली पुलिस गार्ड्स के कार्यालयों पर भी छापे मारे गए.
यून और उनके सहयोगी वर्तमान में विद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं. राष्ट्रपति सहित कई पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति यून सूक योल ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा. हालांकि चंद घंटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया. यून के मार्शल लॉ लगाने के कदम की विपक्षी पार्टियों के साथ ही सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने भी आलोचना की.
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राष्ट्रपति के खिलाफ फिर से महाभियोग का नया प्रस्ताव
इन सबके बीच दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ एक नया महाभियोग प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रही है. यह प्रस्ताव राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लगाने की असफल कोशिश के खिलाफ होगा. पार्टी ने इस प्रस्ताव के लिए वोट का बहिष्कार करने का फैसला किया है. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी ने यह कदम तब उठाया, जब पिछले शनिवार को यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को कोरम की कमी के कारण रद्द कर दिया गया. यह स्थिति इसलिए हुई क्योंकि यून की सत्तारूढ़ पार्टी पीपुल्स पावर पार्टी के लगभग सभी सांसदों ने वोट का बहिष्कार किया था. प्रस्ताव रद्द होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वह हर हफ्ते राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग चलाने की बात करती रहेगी.
डेमोक्रेटिक पार्टी ने गुरुवार को विधानसभा में दूसरे प्रस्ताव की रिपोर्ट पेश करने और शनिवार को पूर्ण सत्र में इस पर मतदान कराने की योजना बनाई है. कानून के अनुसार, महाभियोग प्रस्ताव को पूर्ण सत्र में रिपोर्ट किए जाने के 24 से 72 घंटों के भीतर मतदान के लिए रखा जाना चाहिए. दूसरे प्रस्ताव में यह आरोप लगाए जाने की उम्मीद है कि राष्ट्रपति यून ने सीधे तौर पर सैनिकों को नेशनल असेंबली को बंद करने और सांसदों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जो एक तरह से विद्रोह के समान है.
इस बीच, नेशनल असेंबली एक पूर्ण सत्र आयोजित करेगी और मार्शल लॉ की घोषणा में शामिल अधिकारियों से पूछताछ करेगी. विपक्ष ने प्रधानमंत्री हान डक-सू, वित्त मंत्री चोई सांग-मोक, शिक्षा मंत्री ली जू-हो, न्याय मंत्री पार्क सुंग-जे और विदेश मंत्री चो ताए-यूल सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति का अनुरोध किया है. विपक्षी सांसदों ने योजना बनाई है कि वे इन अधिकारियों से पिछले मंगलवार रात को मार्शल लॉ की घोषणा से पहले यून द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक के बारे में सवाल करेंगे. साथ ही, वे यह भी जानना चाहेंगे कि सेना के विशेष युद्ध कमान और कैपिटल डिफेंस कमांड ने नेशनल असेंबली में कैसे तोड़-फोड़ की.