China's Spy Satellites: चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से जुड़े दो महत्वपूर्ण युद्धाभ्यासों पर नजर रखने लिए निगरानी उपग्रहों का एक झुंड तैनात किया है. कहा जाता है कि हाल ही में संपन्न नौसैनिक युद्धाभ्यास तालिस्मान साबरे के दौरान भी चीन ने खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपने सैकड़ों उपग्रह तैनात किए थे. इसी के साथ वह मालाबार युद्धाभ्यास पर भी नजर रख रहा है जिसमें भारत भी भाग ले रहा है.


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ऑस्‍ट्रेलियाई अखबार एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई महीने में ऑस्‍ट्रेलिया की डिफेंस कंपनी EOS स्‍पेस सिस्‍टम ने चीन के 3 जीसैट उपग्रहों के बारे में बताया जिन्होंने तालिस्‍मान साबरे नौसैनिक अभ्‍यास पर नजर रखी. चीन ने शियान 12-01 सैटलाइट,  शिजियान 17 उपग्रह और शिजियान 23 सैटलाइट इस अभ्यास पर नजर रखने के लिए लगाया गया था.


300 से अधिक उपग्रह
तालिस्मान सबरे की निगरानी के अलावा, चीन के निगरानी उपग्रह मालाबार युद्धाभ्यास पर भी नज़र रख रहे हैं. कथित तौर पर 300 से अधिक उपग्रह इन गतिविधियों की निगरानी में लगे हुए हैं, जो 10 अगस्त को मालाबार अभ्यास शुरू होने के बाद से कुल 3,000 से अधिक उड़ान भर चुके हैं.


ईओएस स्पेस सिस्टम्स के एक अधिकारी जेम्स बेनेट ने एबीसी को बताया कि चीन द्वारा एक महत्वपूर्ण जमीनी सर्वेक्षण गतिविधि की जा रही है.


21 अगस्त तक चलेगा मालाबार युद्धाभ्यास
बता दें मालाबार युद्ध अभ्यास 11 से 21 अगस्त तक ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित हो रहा है. जिसमें क्वाड के सभी चार देशों -भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाएं शामिल हुए हैं. भारतीय नौसेना के अग्रिम पंक्ति के स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस कोलकाता इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे. इस वार्षिक युद्धाभ्यास में समुद्र और बंदरगाह दोनों चरण शामिल होंगे.


अंतरिक्ष में बढ़ रही है चीन की ताकत
उपग्रह-आधारित जासूसी में चीन की हालिया वृद्धि अंतरिक्ष में उसके बढ़ते प्रभाव का संकेत देती है. इसी महीने, चीन ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी स्थिति को और मजबूत करते हुए, अपना पहला जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया.


अंतरिक्ष पर हावी होना
स्पेस इंडस्ट्री एसोसिएशन के सीईओ जेम्स ब्राउन ने कथित तौर पर कहा, ‘यह अंतरिक्ष पर हावी होने के बारे में है.’ उन्होंने कहा, ‘अंतरिक्ष को अक्सर संघर्ष की अगली सीमा के रूप में देखा जाता है और चीन इस पर दावा कर रहा है.’


लोवी इंस्टीट्यूट के रिचर्ड मैकग्रेगर ने द प्रोजेक्ट को बताया, ‘यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि चीन हम पर जासूसी कर रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘चीनR अपने पास मौजूद किसी भी साधन का इस्तेमाल करत हैं." ऐसा हो रहा है.’