Sri Lanka का `नीरो`: राष्ट्रपति परिसर में जब घुसे थे प्रदर्शनकारी तो सिक्योरिटी अफसर बजाने लगा था पियानो, अब हुआ बर्खास्त
Sri Lanka News: पिछले साल श्रीलंका में भारी आर्थिक संकट की वजह से लोग सड़कों पर उतर आए थे. राष्ट्रपति परिसर के बाहर करीब महीनों तक डेरा डालने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उस पर कब्जा कर लिया था और तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश से भागने पर मजबूर कर दिया था.
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका की पुलिस फोर्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने एक अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है जिसने पिछले साल प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रपति परिसर पर धावा बोलने के बाद अचानक पियानो बजाकर उनका मनोरंजन किया था.
एएफपी के मुताबिक कॉन्स्टेबल आर.एम.डी. दयारत्ने को उस दिन औपनिवेशिक युग के परिसर की सुरक्षा में तैनात किया गया था जब प्रदर्शनकारियों ने इस पर कब्जा कर लिया और तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने के लिए मजबूर कर दिया.
सुरक्षा करने की जगर बजाने लगा पियानो
हालांकि कांस्टेबल दयारत्ने परिसर की सुरक्षा करने की जगह एक भव्य पियानो पर जाकर बैठ गया और उसने वहां मौजूद भीड़ के सामने एक गाना बजाया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया, ‘जब इमारत में तोड़फोड़ की जा रही थी, तब दयारत्ने सोशल मीडिया पर पियानो बजाते नजर आ रहे था. वह हमारा नीरो था.’ अधिकारी ने प्राचीन रोमन सम्राट का जिक्र करते हुए कहा, जब शहर एक सप्ताह तक आग में जल रहा था, तब वह एक वाद्य यंत्र बजा रहा था.
पुलिस अधिकारियों ने लंबी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि कांस्टेबल ने अनुशासन का उल्लंघन किया है.
आर्थिक संकट की वजह से सड़कों पर उतर आई जनता
बता दें जुलाई 2022 में परिसर पर हमले से पहले, प्रदर्शनकारी महीनों तक राजपक्षे के कार्यालय के बाहर डेरा डाले रहे थे और मांग की थी कि द्वीप राष्ट्र के अभूतपूर्व आर्थिक संकट के कारण वह पद छोड़ दें.
प्रदर्शनकारियों ने आवास पर कब्ज़ा कर लिया और बाद में उन्हें राष्ट्रपति पूल में अठखेलियां करते और राजपक्षे के बिस्तर पर कूदते देखा गया.
राजपक्षे पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण मंदी आई, जिसके कारण भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी कमी हो गई. उन्हें सिंगापुर में अस्थायी निर्वासन लेने के लिए मजबूर किया गया, जहां से उन्होंने अपना इस्तीफा जारी किया, हालांकि वह तब से श्रीलंका लौट आए हैं.
उनके उत्तराधिकारी रानिल विक्रमसिंघे ने इमारत से चुराई गई ऐतिहासिक कलाकृतियां लौटाने वालों को माफी की पेशकश की है.