न्यूयॉर्क: सोने की खराब आदतों की वजह से दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इनके मुकाबले में वे लोग स्वस्थ रहते हैं जो हर रात सात घंटे की गहरी नींद लेते हैं। एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।


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सियोल के सुंगक्युनकुआन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के चान वोन किम इस अध्ययन में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा, आधी-अधूरी नींद एक आम समस्या है और खराब सेहत की एक वजह भी। इसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं।


इस अध्ययन में 47000 युवा और अधेड़ लोगों को नींद से जुड़ी प्रश्नावली दी गई थी। इसके बाद उनकी कोरोनरी धमनियों को पहुंचे किसी नुकसान और धमनियों के कड़ेपन का परीक्षण किया गया। अध्ययन में शामिल कई लोगों की कोरोनरी धमनियों में कैल्शियम पाया गया। इसे कोरोनरी हृदय रोगों की शुरुआती निशानी मानी जाती है। अध्ययन करने वालों ने पाया कि सात घंटे की नींद लेने वालों के मुकाबले पांच घंटे की नींद लेने वालों की कोरोनरी धमनियों में 50 फीसदी अधिक कैल्शियम पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि खराब नींद की शिकायत करने वालों में अच्छी नींद लेने वालों के मुकाबले 20 फीसदी अधिक कोरोनरी कैल्शियम पाया गया।


अध्ययन में शामिल कांगबुक सैमसन अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर यूसू चांग ने कहा, सात घंटे की नींद लेने वालों या अच्छी नींद लेने वालों की तुलना में खराब नींद लेने वालों की धमनियां अधिक सख्त पाई गईं। कुल मिलाकर हमने पाया कि अच्छी नींद लेने वाले या सात घंटे सोने वालों में नाड़ी संबंधी रोगों के होने की संभावना सबसे कम होती है। यह अध्ययन अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन के जरनल आर्टिरिओसेलेरोसिस, थ्राम्बोसिस एंड वस्कुलर बॉयोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।