रिश्ता टूटते ही मर्दों पर रेप का केस कर देती हैं महिलाएं, यह ट्रेंड चिंताजनक... सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा
Indian Supreme Court worried over FIRs post breakup: आप सबने खूब सुना होगा कि कोई कपल कई सालों तक एक साथ रहा हो, और रिश्तों में खटास आने के बाद रेप का आरोप लगाकार एफआईआर करा देता है, जिससे एक पक्ष का बहुत ही नुकसान होता है. ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है, जानें क्या है पूरा मामला. सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि रिश्ता टूटते ही मर्दों पर रेप का केस कर देती हैं महिलाएं, यह ट्रेंड चिंताजनक..
Rape On False Promise: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (27 नवंबर) को जोड़ों के बीच ब्रेकअप के बाद पुरुषों के खिलाफ़ बलात्कार के मामले दर्ज किए जाने पर चिंता जताई है और इसे 'चिंताजनक ट्रेंड' बताया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना विरोध के लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए रखना भी सहमति से बने रिश्ते के तौर पर देखा जा सकता है और जरूरी नहीं कि हमेशा शादी के झूठे बहाने पर आधारित रिश्ता ही हो. जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटिस्वर सिंह ने बलात्कार का आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.
रिश्तों में खटास आने पर रेप का केस
पीठ ने कहा, "इस न्यायालय द्वारा ऊपर चर्चा किए गए समान मामलों से संबंधित बड़ी संख्या में आए हुए मामलों से यह स्पष्ट है कि यह 'चिंताजनक ट्रेंड' है. लंबे समय तक चलने वाले सहमति से बनाए गए संबंधों में जब खटास आ जाती है, तब एक पक्ष दूसरे पर रेप का आरोप लगा देता है.
सिर्फ ब्रेकअप की वजह से पुरुष के खिलाफ नहीं हो सकता रेप केस ...
इसके पहले पिछले सप्ताह ही सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कहा था, 'सहमति से रिश्ते में रह रहे कपल के बीच सिर्फ ब्रेकअप के कारण आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती. जब रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचता, तो पार्टियों के बीच शुरुआत चरणों में सहमति से बने रिश्ते को आपराधिक रंग नहीं दिया जा सकता.' जब तक वह रिश्ता वैवाहिक रिश्ते में तब्दील नहीं होता.
जानें क्या था मामला
साल 2019 में FIR दर्ज कराई गई थी कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसका यौन उत्पीड़न किया है. महिला ने शिकायत में यह भी कहा है कि आरोपी ने उसे यौन संबंध बनाने और ऐसा नहीं कर पर परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है. महिला की शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उसकी याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि पार्टियों के बीच संबंध मधुर और सहमति से बने थे. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अभियोजन पक्ष की बात को मान भी लिया जाए तो यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि शिकायतकर्ता सिर्फ शादी के किसी वादे के चलते यौन संबंधों में शामिल रही थी. यह देखते हुए कि दोनों अब अब शादिशुदा हैं और अपने-अपने जीवन में खुश है, तो कोर्ट ने मामले को रद्द कर दिया.