ताइवान के आसमान में घूम रहे चीन के लड़ाकू विमान, शी जिनपिंग के दिमाग में क्या चल रहा?
Taiwan-Chinese: ताइवान और चीन के बीच तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए लगातार उसकी सीमा में घुसपैठ कर रहा है. अमेरिका ने जब ताइवान की मदद की तो चीन भड़क गया. चीन की दादागिरी तो देखो 5 चीनी सैन्य विमान और 5 नौसैनिक जहाज ताइवान के आसपास देखे गए. जानें पूरी खबर.
Taiwan detects five Chinese aircraft: चीन और ताइवान को लेकर लगातार तल्खी बढ़ती जा रहा है. चीन लगातार ताइवान को डराने की हर कोशिश में लगा रहता है. चीन कई सालों से ताइवान की सीमा में घुसकर अपनी ताकत का अहसास करता रहता है. जिसकी हर बार ताइवान विरोध करता है. शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. जब ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि शुक्रवार को पांच चीनी सैन्य विमानों और पांच नौसैनिक जहाज ताइवान क्षेत्र के अंदर चले गए. करीब सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) तक ताइवान के आसपास विमान और जहाजों का संचालन देखा गया. सभी पांच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के विमान ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए.
चीन लगातार ताइवान की सीमा कर रहा पार
एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, एमएनडी ने लिखा, "ताइवान के आसपास संचालित 5 पीएलए विमान और 5 पीएलएएन जहाजों का आज सुबह 6 बजे (यूटीसी +8) तक पता चला." पोस्ट में कहा गया, "विमानों में से 5 ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी एडीआईजेड में प्रवेश किया. हमने स्थिति की निगरानी की है और उसके बाद हमने उसी हाल में प्रतिक्रिया दी है." इससे पहले गुरुवार को एमएनडी ने ताइवान के आसपास पांच पीएलएएन जहाजों के संचालन की सूचना दी थी.
चीन की दादागिरी, जापान ने रखी नजर
इस बीच बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक बैठक में जापानी विदेश मंत्री इवाया ताकेशी ने दक्षिण चीन सागर और अन्य में स्थितियों के बारे में चिंता व्यक्त की और ताइवान के संबंध में उन्होंने कहा कि जापान हाल की सैन्य गतिविधियों सहित प्रासंगिक घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहा है, और दोहराया कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता जापान सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
नाटो भी कर रहा चीन का विरोध
हाल ही में नाटो महासचिव मार्क रूटे ने भी ताइवान के प्रति चीन के रुख की आलोचना की और कहा कि "चीन ताइवान को धमका रहा है, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक पहुंच बनाने के लिए ऐसे तरीकों का प्रयास कर रहा है जो समाज को पंगु बना सकते हैं." उन्होंने कहा, "हमें चीन की महत्वाकांक्षाओं के बारे में स्पष्ट रूप से सोचना चाहिए. चीन अपने परमाणु हथियारों सहित अपनी सेनाओं का काफी निर्माण कर रहा है. बिना किसी पारदर्शिता और बिना किसी सीमा के 2020 में चीन के पास 2030 तक 1,000 से अधिक परमाणु हथियार होने की उम्मीद है. इसके अंतरिक्ष-प्रक्षेपण निवेश आसमान छू रहे हैं. चीन ताइवान को धमका रहा है, और हमारे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक पहुंच बनाने के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है जो हमारे समाजों को पंगु बना सकते हैं."
चीन और ताइवान के बीच 1950 से तनाव
1950 के दशक में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) और रिपब्लिक ऑफ चाइना (आरओसी) के बीच तनाव के परिणामस्वरूप ताइवान जलडमरूमध्य में रणनीतिक द्वीपों पर सशस्त्र संघर्ष हुआ. जिसके बाद से ही ताइवान जलडमरूमध्य तनाव का केंद्र बिंदु बना हुआ है, ताइवान के अधिकारी बार-बार चीनी सैन्य अभियानों में वृद्धि की निंदा करते हैं, इसे द्वीप की संप्रभुता और क्षेत्रीय शांति के लिए सीधा खतरा बताते हैं. हालांकि, चीन जो ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और एकीकरण पर जोर देता है. तभी तो ताइवान के आसपास चीन की सैन्य उपस्थिति हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है. द्वीप के आसपास लगातार उड़ानें और नौसैनिक युद्धाभ्यास होते रहते हैं. आए दिन ताइवानी मंत्रालय इसकी जानकारी देता रहता है. बीजिंग ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल का प्रयोग करने से इनकार नहीं किया है. वह लगातार ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश में लगा हुआ है.