Madhepura News: मृत युवक के मौसा बमशंकर भगत ने बताया कि राजदीप ने करीब एक महीने पहले अपने पड़ोसी शिवम कुमार को 60 हजार रुपए उधार दिए थे. शिवम ने वादा किया था कि कुछ दिनों में वह पैसे वापस कर देगा, लेकिन वह पैसे लौटाने में टालमटोल कर रहा था.
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मधेपुरा: मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के हरिद्वार टोला में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां एक युवक ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी. मामला रुपये के लेन-देन से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. घटना शुक्रवार रात की है, जब भेलवा नहर के किनारे एक झाड़ी से 21 वर्षीय युवक राजदीप कुमार उर्फ बाबू साहब का शव बरामद हुआ. राजदीप हरिद्वार टोला, वार्ड संख्या 3 के निवासी संजय भगत का बेटा था. शव पर चाकू से वार के निशान थे, जिससे साफ है कि उसकी निर्मम हत्या की गई.
रुपये के लेन-देन का विवाद
परिजनों के अनुसार राजदीप ने एक महीने पहले अपने दोस्त शिवम कुमार को 60,000 रुपये उधार दिए थे. शिवम ने जल्द ही पैसे लौटाने का वादा किया था, लेकिन लगातार टालमटोल कर रहा था. जब राजदीप ने अपने पैसे वापस मांगने का दबाव बढ़ाया, तो शिवम ने गुरुवार की शाम राजदीप को घर के बाहर बुलाया और बाइक पर बिठाकर उसे ले गया. साथ ही शिवम और उसके दोस्तों ने मिलकर राजदीप की हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगाने के लिए भेलवा रतनपुरा मुख्य मार्ग की झाड़ियों में फेंक दिया. हत्या के बाद आरोपी फरार हो गए.
पुलिस ने आरोपी को पकड़ा
परिजन राजदीप की तलाश में भटकते रहे और उन्हें शिवम पर पहले से ही शक था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी शिवम को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है. साथ ही मृतक के परिजनों का आरोप है कि शिवम नशे का कारोबार करता है. वह शराब और कोडीन कफ सिरप की तस्करी में लिप्त है और पहले भी कई बार जेल जा चुका है.
ग्रामीणों का प्रदर्शन
घटना से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने गम्हरिया मुख्य मार्ग पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया और न्याय की मांग की. लोगों का कहना है कि पुलिस को आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही घटना को लेकर पुलिस जांच में जुटी है. हालांकि, मधेपुरा के एसपी संदीप सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया है. यह घटना जिले में अपराध और नशे के बढ़ते मामलों की गंभीरता को उजागर करती है.
इनपुट - शंकर कुमार
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