ताइपे: चीन के हथियार निर्माण के जवाब में ताइवान मिसाइलों और मिसाइल इंटरसेप्टरों का विकास कर रहा है, जो स्व-शासित द्वीप पर बीजिंग के सैन्य प्रभाव को कम कर सकता है. रक्षा विशेषज्ञों ने यह बात कही है. विश्लेषकों ने कहा कि ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन के वर्ष 2016 में कार्यभार संभालने के बाद से ताइवान ने एक नई मिसाइल विकसित की है, अपनी एक मिसाइल में कुछ सुधार किया है और तीसरी मिसाइल तेजी से विकसित कर रहा है. यह दिखाता है कि कैसे चीन के सैन्य विस्तार से निपटने की कोशिश क्षेत्र में सैन्य संघर्ष की आशंका को बढ़ा रहा है.


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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने स्व-शासित द्वीप की स्वतंत्रता की पैरवी करने वालों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए युद्धपोत, बमवर्षक और लड़ाकू विमानों को प्रशिक्षण मिशन पर भेजा है, जो द्वीप के आसपास चक्कर लगा रहे हैं. ताइवान में तमकांग विश्वविद्यालय के रणनीतिक अध्ययन प्रोफेसर अलेक्जेंडर हुआंग ने कहा कि जहां एक ओर बीजिंग सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है वहीं दूसरी ओर ताइवान अपनी मिसाइल प्रणाली को सशक्त कर रहा है.


चीन के 'आक्रमण' से बचने के लिए सैन्य अभ्यास करेगा ताइवान
ताइपे: चीन से बढ़ते सैन्य खतरे के बीच उसके किसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए ताइवान जून महीने में अपना वार्षिक अभ्यास करेगा. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार(24 अप्रैल) को दी. चीन की सैन्य शक्ति बढ़ रही है और पिछले सप्ताह उसने ताइवान जलडमरू मध्य में पांच दिवसीय नौसैन्य अभ्यास का आयोजन किया था.


ताइवान जलडमरू मध्य संर्कीण जलमार्ग है जो चीनी भूक्षेत्र को ताइवान से अलग करता है. इससे पहले भी चीन ने इस क्षेत्र में नौसेना अभ्यास अयोजित किया था. चीनी अधिकारियों ने बताया कि उनका अभ्यास बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा के लिए किया गया था जो राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुख्य प्राथमिकता है.


इनपुट भाषा से भी