चीन के `आक्रमण` से बचने के लिए सैन्य अभ्यास करेगा ताइवान, दोनों के बीच रिश्ते हैं खराब
चीन की सैन्य शक्ति बढ़ रही है और पिछले सप्ताह उसने ताइवान जलडमरू मध्य में पांच दिवसीय नौसैन्य अभ्यास का आयोजन किया था.
ताइपे: चीन से बढ़ते सैन्य खतरे के बीच उसके किसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए ताइवान जून महीने में अपना वार्षिक अभ्यास करेगा. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार(24 अप्रैल) को दी. चीन की सैन्य शक्ति बढ़ रही है और पिछले सप्ताह उसने ताइवान जलडमरू मध्य में पांच दिवसीय नौसैन्य अभ्यास का आयोजन किया था. ताइवान जलडमरू मध्य संर्कीण जलमार्ग है जो चीनी भूक्षेत्र को ताइवान से अलग करता है. इससे पहले भी चीन ने इस क्षेत्र में नौसेना अभ्यास अयोजित किया था. चीनी अधिकारियों ने बताया कि उनका अभ्यास बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा के लिए किया गया था जो राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुख्य प्राथमिकता है.
हालांकि ताइवान एक स्व शासित लोकतंत्र है और इसने औपचारिक रूप से कभी भी मुख्य भूमि से खुद को स्वतंत्र घोषित नहीं किया और बीजिंग अभी उसे एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है और अगर जरूरत हुई तो बल प्रयोग के जरिए वापस लाने के लिए तैयार है. ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग- वेन के कार्यभार संभालने पर 2016 के बाद से दोनों के बीच रिश्ते लगातार खराब हुये हैं. उन्होंने ताइवान के अंखड चीन का हिस्सा होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और बीजिंग उनकी पारंपरिक स्वतंत्रता समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को गहरी संदेह की दृष्टि से देखता रहा है.
एशिया में ‘लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ’ है ताइवान
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने शनिवार (17 मार्च) को जारी एक बयान में कहा कि हालांकि विधेयक के प्रावधान कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन यह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का ‘गंभीर उल्लंघन’ करते हैं और इससे ‘ताइवान में आजादी की समर्थक अलगाववादी ताकतों’ को बहुत गलत संदेश जाएगा. अमेरिका के नए कानून में ताइवान को एशिया में ‘लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ’ बताया गया है. इसमें कहा गया है कि ताइवान की लोकतांत्रिक उपलब्धियों ने कई क्षेत्र के देशों और लोगों को प्रेरित किया है.
अमेरिकी सीनेट ने ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाला विधेयक पारित किया
इससे पहले भी अमेरिकी सीनेट में ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक के पारित होने के बाद चीन ने अमेरिका के समक्ष आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हुए नाराजगी प्रकट की थी. अमेरिका और ताइवान के बीच सभी स्तरों पर यात्रा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सीनेट ने ताइवान यात्रा कानून पारित किया था. विधेयक में कहा गया है कि अमेरिका की यह नीति होनी चाहिए कि ताइवान के उच्च स्तर के अधिकारी अमेरिका आएं, अमेरिकी अधिकारियों से मिलें और देश में कारोबार करें.
अमेरिकी सीनेट ने अमेरिका-ताइवान के रिश्तों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक को गुरुवार (1 मार्च) को पारित कर दिया. ‘द ताइवान ट्रैवल एक्ट’ का उद्देश्य अमेरिका एवं ताइवान के बीच यात्राओं को ‘‘हर स्तर पर’’ प्रोत्साहित करना है. विधेयक को जनवरी में प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था.
विधेयक में यह कहा गया कि अमेरिका आने वाले, अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करने वाले और देश में कारोबार के सिलसिले में आने वाले उच्च स्तरीय ताइवानी अधिकारियों के लिए अमेरिकी नीति होनी चाहिए. इस विधेयक को कानून बनने के लिये अब सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर का इंतजार है और इसके रास्ते में अब कोई व्यवधान भी दिखता प्रतीत नहीं हो रहा क्योंकि इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया है.
इनपुट भाषा से भी