Taliban Insulted Pakistan on National Anthem Issue: दुनिया में आतंकवाद के सबसे बड़े सौदागर पाकिस्तान की यूं तो कहीं कोई इज्जत है ही नहीं. इसे भिखारी, कट्टरपंथी और पुरातनपंथी विचारों वाले मुल्क के रूप में जाना जाता है. जब भी कहीं आतंकी घटना होती है तो सब समझ जाते हैं कि इसमें कोई न कोई पाकिस्तानी कनेक्शन जरूर होगा,  जिसकी वजह से उसकी जब- तब इंटरनेशनल बेइज्जती होती रहती है. अब उसका पाला-पोसा आतंकी संगठन तालिबान भी उसके हाथ से निकल गया है. वह न केवल जमकर आंखे दिखा रहा है बल्कि उसकी बेइज्जती का सबब भी बना हुआ है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तालिबान ने पाकिस्तान को बता दी उसकी औकात


ऐसा ही एक वाकये में तालिबान के नेताओं और सेना को उनकी औकात बता दी और वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए. दरअसल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सीएम अमीन अली गंडापुर की ओर से 17 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में अफगान मिशन के दूत हाफिज मोहिबुल्लाह शाकिर समेत कई तालिबानियों को भी आमंत्रित किया गया था.


राष्ट्रगान के दौरान कुर्सी पर बैठे रहे तालिबानी नेता


कार्यक्रम के अंत में जब पाकिस्तान का राष्ट्रीय गान शुरू हुआ तो सब लोग अपनी सीट से सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए. हालांकि मोहिबुल्लाह शाकिर समेत तालिबान के बाकी लोग कुर्सियों पर बैठे रहे और अपने मोबाइल फोन में सर्फिंग करते रहे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पाकिस्तान में लोगों का गुस्सा बढ़ गया.


इस घटना के 2 दिन बाद ईरान में भी तालिबानी नेताओं ने ऐसी ही हरकत कर दी. तेहरान में हो रही इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिटी कॉन्फ्रेंस में ईरान  का राष्ट्रगान शुरू होते ही सब लोग सम्मान देने के लिए खड़े हो गए. जबकि तालिबान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख अज़ीज़ुर्रहमान मंसूर अपनी कुर्सी पर बैठे रहे.


ईरान से माफी मांगने को मजबूर हो गया तालिबान


तालिबानी नेता की इस हरकत से ईरान भड़क गया. उसने ईरान में तालिबान के मिशन प्रमुख को तलब कर घटना पर माफी की मांग की. ईरान की इस घुड़की से तालिबान तुरंत लाइन पर आ गया. उसके विदेश मंत्री हक्कानी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रगान के समय खड़े न होना मंसूर का ‘व्यक्तिगत’ फैसला था. तालिबान इससे इत्तेफाक नहीं रखता. वहीं मामले को तूल पकड़ते देख अज़ीज़ुर्रहमान मंसूर ने वीडियो जारी कर माफी मांग ली. मंसूर ने कहा कि अफगानी परंपराओं में गीत बजाए जाने पर हम बैठे रहते हैं. इसलिए उसी परंपरा के तहत वे बैठे रहे. 


पाकिस्तान के जले पर छिड़क दिया नमक


उधर जब पाकिस्तान ने भी ऐसी ही माफी की मांग की तो तालिबान ने सफाई देकर मामले को चलता कर दिया और पाकिस्तानी हुक्मरानों को कोई भाव देने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, उसने पाकिस्तान को उसकी औकात बताते हुए जले पर नमक और छिड़क दिया. पाकिस्तानी सरकार के विरोध का जवाब देते हुए तालिबान ने कहा कि इस्लाम में संगीत को हराम माना जाता है. पाकिस्तान के राष्ट्रगान में संगीत था, लिहाजा  इस्लामी कानूनों का पालन करते हुए तालिबान राजनयिक बैठे रहे. इसमें राष्ट्रगान के अनादर की कोई बात नहीं है.