Russia: बीच पर दिखी वो `पीली जैकेट` वाली लड़की, रूस में हंगामा क्यूं है बरपा?
Russia Ukraine War: यह घटना दिखाती है कि रूस में सख्त कानून किस तरह कपड़ों के चुनाव को भी राजनीतिक बना सकते हैं. सोशल मीडिया यूजर्स ने सामान्य चीज़ों को राजनीतिक विद्रोह से जोड़ने की बेतुके तर्क का मजाक उड़ाया.
Russia News: रूस की पत्रकार एंटोनिडा स्मोलिना (Antonida Smolina) ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके कपड़ों की रंग की वजह से उन्हें पुलिस जांच का सामना करना पड़ेगा. वेलिकि उस्तयुग (Veliky Ustyug) की रहने वाली हैं, स्मोलिना, (38 वर्ष) से कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर येलो डाउन जैकेट पहने हुए अपनी तस्वीरें शेयर करने के बाद पूछताछ की थी.
धुंधले नीले आसमान की बैकग्राउंड में पीले रंग की जैकेट पहनने की वजह से उन पर यूक्रेन (Ukraine) के रंगों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया, जिसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की सरकार और सेना की उपेक्षा माना जाता है.
स्मोलिना ने पुलिस जांच के बारे में बताया, 'एक जिला पुलिस अधिकारी मेरे पास आया, उसने कहा कि किसी वैलेरी पी ने मेरे खिलाफ पुलिस को एक बयान लिखा है.'
स्मोलिना ने पर दुश्मन के प्रतीकों से जुड़े रंग की जैकेट पहनने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, स्मोलिना ने यह कहकर अपना बचाव किया कि उसकी जैकेट का रंग "क्रायोला" के रूप में अधिक सटीक रूप से वर्णित है.
सोशल मीडिया पर गुस्सा
यह घटना दिखाती है कि रूस में सख्त कानून किस तरह कपड़ों के चुनाव को भी राजनीतिक बना सकते हैं. सोशल मीडिया यूजर्स ने सामान्य चीज़ों को राजनीतिक विद्रोह से जोड़ने की बेतुके तर्क का मजाक उड़ाया.
टिप्पणीकारों ने व्यंग्यपूर्वक टिप्पणी की, जिसमें से एक ने कहा, 'पीला रंग प्रतिबंधित है? इंद्रधनुष प्रतिबंधित है? भूरेपन की विजय.' एक अन्य ने मजाक में कहा, 'अगला कदम नीले आकाश के सामने पीले सूरज पर प्रतिबंध लगाना है. यह दुश्मन का प्रतीकवाद है.'
दमघोंटू राजनीतिक माहौल पर चिंता व्यक्त करते हुए स्मोलिना ने अफसोस जताया, 'जिस पोस्ट से वैलरी पी इतना आहत हुए, उसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन राजनीति मेरे साथी देशवासियों की आत्माओं को मार रही है.'
दबाव के बावजूद, हालांकि स्मोलिना मजबूत बनी हुई है और जोर देकर कहती है कि उसने केवल मौसमी कारणों से अपनी जैकेट बदली है, अपने खिलाफ शिकायत के कारण नहीं.