Turkiye Attack Iraq: रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी के अंत में शुरू हुए युद्ध को 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं लेकिन अब तक इस युद्ध का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. इसी बीच दूसरे शक्तिशाली देशों की युद्ध संबंधी हसरतें भी जोर मार रही हैं. मुस्लिम देश तुर्की (Turkiye) ने अपने कमजोर पड़ोसी और मुस्लिम बिरादर देश इराक पर हमला बोल दिया है. शक्तिशाली आर्टिलरी हमले में इराक (Iraq) के 9 नागरिक मारे गए हैं और 24 घायल हो गए हैं. हमले पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इराक ने तुर्की से अपने दूतावास प्रभारी को वापस बुला लिया है. वहीं तुर्की ने दावा किया है कि इस हमले में उसका हाथ नहीं है.


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उत्तरी इराक पर तुर्की ने दागे गोले, 9 की मौत


तुर्की (Turkiye) का यह खतरनाक हमला इराक (Iraq) के उत्तरी हिस्से में हुआ. इस हिस्से में कुर्द फाइटर बहुतायत में रहते हैं और सरकार से इसे अर्ध स्वायत्त इलाके का दर्जा मिला हुआ है. सूत्रों के मुताबिक इस इलाके में दुहोक प्रांत के गांव परख में पड़ोसी तुर्की ने बुधवार को जबरदस्त आर्टिलरी फायरिंग की. इस बमबारी में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग घायल हो गए. हताहत होने वाले सभी लोग टूरिस्ट थे, जो छुट्टियां मनाने के लिए इराक के उत्तरी हिस्से में गए हुए थे. 


हमले के तुर्की ने झाड़ा पल्ला


इराकी (Iraq) न्यूज एजेंसी का दावा है कि आर्टिलरी से फायरिंग तुर्की की आर्मी ने की है. इस हमले पर इराक सरकार ने तुर्की से कड़ी नाराजगी जताई है. इराकी सरकार की आपत्ति के बाद तुर्की सरकार ने इस हमले से पल्ला झाड़ लिया है. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'तुर्किये आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अपनी लड़ाई जारी रखेगा. इस लड़ाई में नागरिकों, नागरिक इलाकों और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा.' 


शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार तुर्की (Turkiye) ने अपने बयान में कहा, 'तुर्किये इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए पूरा सहयोग करने को तैयार है. इस मामले में इराक के अधिकारियों को तुर्किये के साथ सहयोग करना चाहिए, जिससे इस हमले के असली गुनहगारों को ढूंढा जा सके.'  


कुर्द लोगों को खत्म करने की कोशिश


हालांकि तुर्की (Turkiye) का इराक (Iraq) पर यह कोई पहला हमला नहीं है. वह अक्सर सीरिया और इराक के कुर्द बहुल इलाकों पर हमला करता रहता है. तुर्की ने अप्रैल में भी इराक के दुहोक प्रांत में एयर स्ट्राइक और आर्टिलरी जमीनी हमला किया था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए. उसके हमले का मुख्य निशाना दुहोक प्रांत की Qandil Mountains होती हैं. तुर्की सरकार का आरोप है कि सीरिया-इराक में रहने वाले कुर्द लोग उसके यहां सक्रिय कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) को सहयोग करते हैं. तुर्की इस संगठन को आतंकी ग्रुप मानता है और इसे जड़ से खत्म कर देना चाहता है. तुर्की का कहना है कि उसके ठिकानों पर हमले के बाद कुर्दिश लड़ाके इन्हीं पहाड़ियोंं में छुप जाते हैं.


आजादी के लिए लड़ रहे हैं कुर्दिश


वहीं यह संगठन तुर्की (Turkiye) से आजादी पाने के लिए पिछले करीब 30 साल से राजनीतिक और सशस्त्र जंग छेड़े हुए है. इतिहासकारों के मुताबिक पुराने जमाने में कुर्दों का अपना देश हुआ करता था. लेकिन विश्व युद्ध के दौरान इस देश को सीरिया, इराक और तुर्की ने आपस में बांटकर इसका अस्तित्व खत्म कर दिया गया. अब 3 टुकड़ों में बंट चुके कुर्द मूल के लोग (Kurdish people) फिर से अपना देश वापस पाने के लिए लगातार आंदोलन में जुटे हैं.  


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