लंदन: चीन (China) और रूस (Russia) से बढ़ते जासूसी के खतरे से निपटने के ब्रिटेन (Britain) ने रिचर्ड मूर (Richard Moore) को खुफिया एजेंसी MI6 की कमान सौंपी है. लंबा अनुभव रखने वाले मूर सोवियत संघ के पतन से ठीक चार साल पहले सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (SIS) में शामिल हुए थे.


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एक निपुण खुफिया अधिकारी मूर ने पश्चिमी देशों की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों में से एक MI6 का हिस्सा बनने से पहले कई राजनयिक और सुरक्षा मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. वह MI6 के वर्तमान प्रमुख एलेक्स यंगर का स्थान लेंगे.


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रिचर्ड मूर ने जनवरी 2014 से दिसंबर 2017 तक तुर्की में ब्रिटिश राजदूत के रूप में कार्य किया और उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी भी संभाली. लीबिया में जन्मे मूर ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और हार्वर्ड में कैनेडी स्कॉलर थे. उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती चीन से निपटना होगा, जिसे मौजूदा समय में अमेरिका और ब्रिटेन के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में देखा जा रहा है.


हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन ने आरोप लगाया था कि चीन कोरोना वायरस से जुड़ी रिसर्च को चुराने के अभियान में लगा है. इसके अलावा, रूस पर भी जासूसी के आरोप लगे हैं. लिहाजा, मौजूदा दौर में मूर को इन दो चुनौतियों से निपटना होगा. वर्तमान MI6 प्रमुख एलेक्स यंगर नवंबर 2014 के बाद से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनका कार्यकाल एजेंसी के बाकी प्रमुखों से कुछ लंबा रहा है. दरअसल, Brexit संकट के चलते सरकार राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना चाहती थी, इसलिए उन्हें पद पर बनाये रखा गया.