DNA with Sudhir Chaudhary: ब्रिटेन के अवैध प्रवासियों का डंपिंग ग्राउंड रवांडा, अंग्रेजी सरकार लाई नई पॉलिसी
DNA with Sudhir Chaudhary: अब तक ब्रिटेन की गिनती दुनिया के उन देशों में होती थी, जिसने खुद को लोकतंत्र और मानव अधिकारों का चैम्पियन साबित करने के लिए पिछले कुछ दशकों में दूसरे देशों से आए लोगों को अपने यहां शरण दी.
DNA with Sudhir Chaudhary: ब्रिटेन की सरकार रवांडा की सरकार को 1100 करोड़ रुपये देगी और इसके बदले में रवांडा की सरकार ब्रिटेन में रहने वाले अवैध प्रवासियों को अपने यहां शरण देगी. अब तक ब्रिटेन की गिनती दुनिया के उन देशों में होती थी, जिसने खुद को लोकतंत्र और मानव अधिकारों का चैम्पियन साबित करने के लिए पिछले कुछ दशकों में दूसरे देशों से आए लोगों को अपने यहां शरण दी. लेकिन अब ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि वो ऐसे लोगों को अपने देश में रहने की इजाजत नहीं देगा, जिन्होंने अवैध तरीके से ब्रिटेन में प्रवेश किया है.
ब्रिटेन सरकार की नई पॉलिसी
इसके लिए ब्रिटेन की सरकार एक नई Refugee Policy लेकर आई है, जिसके तहत ब्रिटेन में रहने वाले अवैध प्रवासियों को वहां से साढ़े 6 हजार किलोमीटर दूर अफ्रीकी देश रवांडा डिपोर्ट कर दिया जाएगा. यानी ब्रिटेन ने रवांडा को एक नया डंपिंग ग्राउंड बना दिया है, जहां वो अपने देश के तमाम अवैध प्रवासियों को ब्रिटेन से लाकर छोड़ देगा और बड़ी बात ये है कि, इन लोगों को रवांडा में शरण दी जाएगी या नहीं, इसका फैसला भी रवांडा की सरकार पर ही निर्भर करेगा. यानी अगर रवांडा की सरकार किसी व्यक्ति को अपने देश में शरण नहीं देना चाहती तो उस व्यक्ति को पांच साल तक रवांडा में रहने की इजाजत होगा और इसके बाद उस व्यक्ति को अपने लिए नए देश की तलाश करनी होगी और रवांडा को भी छोड़ कर जाना होगा और इसके लिए दोनों देशों के बीच एक डील हुई है.
रवांडा के साथ हुई नई डील
ब्रिटेन ने रवांडा की सरकार के साथ एक डील साइन की है, जिसके तहत ब्रिटेन रवांडा में 140 Million Dollars यानी 1100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। और इसके बदले में रवांडा की सरकार को अपने देश में ब्रिटेन के अवैध प्रवासियों को शरण देनी होगी। एक और बात, जिन अवैध प्रवासियों को ब्रिटेन से रवांडा भेजा जाएगा, उन्हें ब्रिटेन की सरकार से सिर्फ एक ही मदद मिलेगी और वो मदद होगी, ब्रिटेन से रवांडा तक की फ्लाइट का One Way Ticket.
प्रवासियों को बाहर निकाल रहा ब्रिटेन
ब्रिटेन अपने देश से इन अवैध प्रवासियों को इसलिए बाहर निकाल रहा है क्योंकि वो हर साल इन लोगों के रखरखाव और इनकी देखभाल पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है. इसके अलावा शरणार्थियों को रहने के लिए जो जगह दी जाती है, उस पर भी ब्रिटेन की सरकार की सरकार हर दिन 39 करोड़ रुपये खर्च करती है. यानी इस तरह से देखें तो ब्रिटेन ने रवांडा की सरकार से जो सौदा किया है, उसमें उसे सीधे सीधे हजारों करोड़ों रुपये का फायदा हो रहा है. क्योंकि अभी वो एक साल में इन अवैध प्रवासियों पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. जबकि रवांडा में इन लोगों को डिपोर्ट करने के लिए उसे सिर्फ 1100 करोड़ रुपये खर्च करने हैं.
ब्रिटेन सरकार के सौदे पर सवाल
कुल मिला कर कहें तो ब्रिटेन की सरकार ने सौदा अच्छा किया है. लेकिन हमारा सवाल ये है कि, यहां सौदा हो किसका रहा है. यहां सौदा इंसानों का हो रहा है. ब्रिटेन देश खुद को दुनिया का सबसे बड़ा शांति दूत और मानव अधिकारों का सबसे बड़ा चैम्पियन बताते हैं, लेकिन इनकी सच्चाई क्या है, वो आप इस खबर से ही समझ गए होंगे. रवांडा की गिनती दुनिया के सबसे गरीब देशों में होती है. रवांडा की कुल आबादी एक करोड़ 30 लाख है. जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. रवांडा 26 हजार 338 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. ये भारत के मेघालय राज्य से थोड़ा ही बड़ा है.
रवांडा में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल
रवांडा में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और वहां अपराध भी काफी ज्यादा है. यानी जो देश पहले ही अपने नागरिकों का सही से पेट नहीं भर पा रहा और उन्हें सुरक्षा नहीं दे पा रहा, उसने 1100 करोड़ रुपये के लिए अपने देश में ब्रिटेन के अवैध प्रवासियों को लाने की मंजूरी दे दी. रवांडा सुरक्षा की लिहाज से कितना खतरनाक देश है, इसका अन्दाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 1994 में वहां बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ था, जिसमें देश की 10 प्रतिशत आबादी सिर्फ 100 दिनों में ही मारी गई थी. ये नरसंहार तब वहां के दो समुदाय के बीच हुआ था. कहने का मतलब ये है कि रवांडा में साम्प्रदायिक तनाव भी काफी ज्यादा है और यही वजह है कि इस Policy को लेकर ब्रिटेन की सरकार का अब खूब विरोध हो रहा है और इसे वहां की अदालत में भी चुनौती दी गई है. इसके अलावा ऐसी खबरें भी हैं कि Wales के राजकुमार, Prince Charles ने भी शरणार्थियों को रवांडा भेजने का विरोध किया है. सोचिए, ब्रिटेन के जिस राजघराने ने सदियों तक दुनिया के कई देशों को अपना गुलाम बना कर रखा, वो भी इस नीति के खिलाफ है.
फिलहाल ब्रिटेन से रवांडा के लिए जो पहली फ्लाइट रवाना होनी थी, उसे अभी के लिए टाल दिया गया है. लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा है कि उनकी सरकार की मंशा स्पष्ट है और वो ऐसा करके उन गैंग्स को खत्म करना चाहते हैं, जो समुद्र के रास्ते अवैध तरीके से लोगों का ब्रिटेन में प्रवेश करा रहे हैं.
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