संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि दुनियान अपने 'जीवनरक्त' - पानी - को तेजी से खतरे में डाल रही है. पानी की कमी से निपटने के लिए एक प्रमुख शिखर सम्मेलन के आयोजन से चंद घंटे पहले यह रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, ‘दुनिया की आबादी का लगभग 10 प्रतिशत ऐसे देशों में रहता है जहां वाटर स्ट्रेस उच्च या गंभीर स्तर पर पहुंच गया है.


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ग्लोबल वार्मिंग बढ़ा देगी पानी की कमी
यूएन-वाटर और यूनेस्को द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अत्यधिक खपत और प्रदूषण के कारण पानी की ‘कमी स्थानिक होती जा रही है’. इसमें कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग प्रचुर मात्रा में पानी वाले क्षेत्रों के साथ-साथ पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्रों में मौसमी पानी की कमी को और बढ़ा देगी.


दुनिया आंख बंद करके...
एएफपी के अनुसार रिपोर्ट की प्रस्तावना में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, लिखते हैं कि दुनिया ‘आंख बंद करके एक खतरनाक रास्ते पर चल रही है’ क्योंकि ‘अस्थिर पानी का उपयोग, प्रदूषण और अनियंत्रित ग्लोबल वार्मिंग मानवता के जीवन को खत्म कर रहे हैं.‘


एएफपी से बात करते हुए रिपोर्ट के प्रमुख लेखक रिचर्ड कॉनर ने कहा,  ‘अगर कुछ नहीं किया जाता है तो मोटे तौर पर 20-25 प्रतिशत दुनिया की सुरक्षित जल आपूर्ति तक पहुंच नहीं होगी.’ उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैश्विक आबादी बढ़ेगी,  अधिक से अधिक ऐसे लोग होंगे जिनकी इन सेवाओं (पानी) तक पहुंच नहीं होगी.


22 से 24 मार्च तक होगा यूएन जल सम्मेलन
संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन दुनिया भर के 6,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें सौ मंत्री और एक दर्जन राष्ट्राध्यक्ष और सरकार शामिल हैं. सम्मेलन बुधवार (22 मार्च) से शुक्रवार (24 मार्च) तक न्यूयॉर्क में होगा.


इस सम्मेलन को वर्ष 2030 तक सुरक्षित जल व स्वच्छता तक सार्वभौमिक पहुँच की दिशा में प्रगति को तेज़ करने के लिए, एक पीढ़ी समय में मिलने वाला असाधारण अवसर क़रार दिया गया है.


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