वॉशिंगटन : अमेरिका ने असाधारण कदम उठाते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हमदुल्ला मोहिब को तलब किया. अमेरिका के यह कदम उठाने से कुछ ही घंटों पहले मोहिब ने अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद की तालिबान के साथ उनकी प्रत्यक्ष शांति वार्ता में अफगानिस्तान की चयनित सरकार को दरकिनार करने को लेकर आलोचना की थी.


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विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता रोबर्ट पलाडिनो ने कहा, ‘‘राजनीतिक मामलों के अवर मंत्री डेविड हेल ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब को आज तलब किया. मोहिब ने सुलह के प्रति अमेरिका के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए सार्वजनिक टिप्पणियां की थीं जिसके कारण उन्हें बुलाया गया.’’ 


 



मोहिब ने पिछले दो दिनों में कई सार्वजनिक मंचों पर तालिबान के साथ अमेरिका की बातचीत को आत्मसमर्पण वार्ता करार दिया था. उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में एक थिंकटैंक के समक्ष और संवाददाताओं के साथ बातचीत के दौरान ऐसा कहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि खलीलजाद चयनित अफगानिस्तान सरकार को अंधेरे में रख रहे हैं और दोहा में हालिया वार्ता में उन्हें शर्मसार किया गया और होटल की लॉबी में इंतजार करने पर मजबूर किया गया.


मोहिब ने आरोप लगाया था कि अफगानिस्तान में जन्मे अमेरिकी राजनयिक खलीलजाद की अफगानिस्तान में निजी महत्वकांक्षाएं हैं. लेकिन पलाडिनो ने कहा कि हेल ने मोहिब के साथ बैठक में अफगानिस्तान को अमेरिकी सहायता एवं समर्थन को रेखांकित किया.


उन्होंने बताया कि हेल ने अफगानिस्तान सरकार की स्थिरता और शांति प्रक्रिया में पूरी भागीदारी के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता व्यक्त की. पलाडिनो ने कड़े शब्दों में कहा, ‘‘उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहिब को यह भी याद दिलाया कि विशेष प्रतिनिधि खलीलजाद मंत्री का प्रतिनिधित्व करते हैं और राजदूत खलीलजाद पर हमला मंत्रालय पर हमला है और इससे द्विपक्षीय संबंध एवं शांति प्रक्रिया बाधित होगी.’’ 


ऐसा दुर्लभ है कि यात्रा पर आए किसी एनएसए को अमेरिकी विदेश मंत्रालय इस प्रकार तलब करे. पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका मोहिब के बयानों से नाखुश है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी मोहिब के प्रति नाराजगी जताई. ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने मोहिब से मिलने से इनकार कर दिया है. अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने मोहिब के साथ इस प्रकार के व्यवहार के लिए अमेरिका की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा घमंड! अमेरिकी राजनयिकों से ऐसी अपेक्षा नहीं थी.’’